बदायूं जिले में एक नाम ऐसा है, जो पदों की दौड़ में कभी शामिल नहीं रहा, जो मीडिया में भी छाने का शौकीन नहीं है लेकिन, पर्दे के पीछे किंगमेकर की भूमिका में रहना पसंद करता है। पहले नेता जी (मुलायम सिंह यादव) का दायाँ हाथ था और अब विद्रोही शिवपाल सिंह यादव के लिए जमीन तैयार करने में जुटा है, जो निरंतर सफल भी हो रहा है।
जी हाँ, अंजुम रजा, ऐसे शख्स हैं, जिनकी एंट्री नेता जी के दरबार में बिना पूर्व सूचना के होती रही है, उन्हें नेता जी विशेष सम्मान देते रहे हैं और उनके आवास पर आते रहे हैं, इस सबके बावजूद राजनीति में रूचि रखने वाले सभी लोग भले ही अच्छी तरह जानते हैं लेकिन, आम जनता बहुत ज्यादा नहीं जानती है, क्योंकि अंजुम रजा कभी दिखावा नहीं करते। नेता जी से जैसा संबंध अंजुम रजा का रहा है, वैसा ही किसी और का संबंध रहा होता तो, निश्चित ही वह बड़ा विवादित व्यक्ति सिद्ध हो चुका होता।
खैर, नेता जी अब पर्दे के पीछे चले गये हैं। शिवपाल सिंह यादव ने अपनी पार्टी बना ली है, जो प्रदेश में जमीन खोज रही है। अंजुम रजा शिवपाल सिंह यादव के साथ हैं और एक बार फिर उन्होंने कोई पद नहीं लिया है पर, अस्वस्थ होने के बावजूद रात-दिन शिवपाल सिंह यादव के लिए उपजाऊ जमीन तैयार करने में जुटे रहते हैं।
बुधवार को खबर आई थी कि बरेली जिले के कद्दावर नेता वीरपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी से त्याग पत्र दे दिया, इस पर हर कोई स्तब्ध था, क्योंकि वीरपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से ही माने जाते हैं। बरेली जिले में समाजवादी पार्टी को खड़ा करने में वीरपाल सिंह यादव का बड़ा योगदान माना जाता है।
सूत्रों का कहना है कि बुधवार को अंजुम रजा की वीरपाल सिंह यादव से मुलाकात हुई थी। हालाँकि पुष्टि किसी ने नहीं की है पर, कहा जाता है कि अंजुम रजा ने ही वीरपाल सिंह यादव को त्याग पत्र देने के लिए तैयार किया था, जो अब शिवपाल सिंह यादव के सारथी बन सकते हैं, ऐसा हुआ तो, यह शिवपाल सिंह यादव के लिए राजनैतिक रूप से बड़ा लाभ कहा जायेगा, क्योंकि फिलहाल उन्हें नये चेहरों की नहीं बल्कि, राजनीति में स्थापित लोगों की जरूरत है।
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