बदायूं जिले में कागजी और जमीनी हालातों में बड़ा अंतर नजर आ रहा है। कागजी रिपोर्ट कह रही है कि हालात बहुत बेहतर हैं लेकिन, जमीनी सच्चाई बता रही है कि हालात दयनीय हैं। अखिलेश यादव द्वारा शुरू गई एंबुलेंस सेवा ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गई है। विभागीय और प्रशासनिक अफसरों को निरंतर अवगत कराया जा रहा है लेकिन, सुधार करने की दिशा में अभी तक एक कदम भी नहीं उठाया गया है।
समाजवादी पार्टी की सरकार में अखिलेश यादव ने एंबुलेंस सेवा शुरू की थी, इस सेवा का आम जनता को बड़ा लाभ हुआ। सूनसान सड़कों पर हादसे होने के बाद घायल अक्सर उपचार के अभाव में दम तोड़ देते थे। एंबुलेंस सेवा शुरू होने के बाद बड़ी संख्या में जनहानि होने से बचने लगी। कोई भी राह चलता व्यक्ति कॉल कर एंबुलेंस बुला लेता और एंबुलेंस घायल को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचा कर प्राथमिक उपचार करा देती, जिससे घायल को बड़ी राहत मिल जाती थी लेकिन, लाखों लोगों की जान बचाने वाली एंबुलेंस सेवा अब स्वयं आईसीयू में पहुंचने वाली है।
एंबुलेंस की बैट्री जवाब दे गई हैं, जिससे एंबुलेंस धक्का लगा कर स्टार्ट की जा रही हैं। एंबुलेंस का इंजन भी जवाब दे गया है, जिससे दौड़ने में समस्या आ रही है। एंबुलेंस में रहने वाला फर्स्ट एड का सामान समाप्त हो गया है, जिससे घायल को एंबुलेंस में तत्काल राहत नहीं मिल पा रही है, जैसे एंबुलेंस में ऑक्सीजन का सिलेंडर नहीं रहने पर गंभीर रूप से घायल हुए व्यक्ति की जान स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले ही जा सकती है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र- दहगवां पर दो एंबुलेंस हैं। एंबुलेंस संख्या यूपी 41- जी 1520 एवं यूपी 41- जी 1836 जर्जर अवस्था में हैं। प्रभारी चिकित्साधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेज कर सच्चाई से अवगत करा दिया है लेकिन, अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिसका दुष्परिणाम आम जनता को ही उठाना पड़ेगा।
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