बदायूं जिले में बने कार्यालय को कांग्रेस को खाली करना पड़ेगा। न्यायालय ने छः माह के अंदर भवन खाली करने का आदेश पारित किया है, साथ ही तीन सप्ताह के अंदर न्यायालय में कांग्रेस को शपथ पत्र भी देना होगा। चुनाव में पैर जमाने का प्रयास कर रही कांग्रेस को कार्यालय भी खाली करना पड़ेगा, इसलिए कुछ लोगों के लिए खबर चौंका भी सकती है।
बताया जाता है कि कांग्रेस कार्यालय किराये के भवन में वर्षों से चल रहा है। भवन स्वामी ने ग्रीश जुनेजा ग्रुप को भवन बेच दिया तो, भवन खाली करने की जगह कांग्रेस की ओर से न्यायालय में वाद दायर कर दिया गया। ग्रीश जुनेजा लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया के चलते भवन पर काबिज नहीं हो पा रहे हैं, इस बीच वे उच्च न्यायालय की शरण में चले गये।
बताया जा रहा है कि उच्च न्यायालय ने सुनवाई और बहस के बाद ग्रीश जुनेजा को राहत देते हुए कांग्रेस को छः माह के अंदर भवन खाली करने का आदेश दिया है, साथ ही तीन सप्ताह के अंदर कांग्रेस को न्यायालय में शपथ पत्र भी दाखिल करना होगा। चुनाव के समय आदेश होने से कांग्रेस की साख खराब हो सकती है। हालाँकि कांग्रेस की साख पहले से ही कुछ लोगों ने ऐसी कर रखी है कि आम आदमी कांग्रेस का सदस्य बनने में शर्म महसूस करता है।
साजिद अली के जिलाध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस की साख में सुधार हुआ है, इससे पहले हालात बेहद खराब थे। पांच सौ रूपये में किसी के भी विरुद्ध धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन देने वाली पहचान बन गई थी, इसीलिए कांग्रेस हाशिये पर जाती रही पर, साजिद अली ने कांग्रेस को पुनः खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई है।
अब कद्दावर नेता आबिद रजा कांग्रेस में आ गये हैं, उनके आने से कांग्रेस पुनः दशकों पुरानी पहचान हासिल कर सकती है लेकिन, हाल-फिलहाल पुराने लोगों के कुकर्मों की सजा कांग्रेस चुनाव में झेलती नजर आ रही है, इसकी अनुभूति कांग्रेस प्रत्याशी सलीम इकबाल शेरवानी को भी हो गई होगी।
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