बदायूं जिले को जैसे मुख्य विकास अधिकारी की जरूरत थी, वैसी ही अफसर हैं आईएएस निशा अनंत। निशा अनंत के आते ही विकास के उजियारे की किरन फूटने लगी है। सुसुप्तावस्था में पहुंच चुके अफसर और कर्मचारी जागने लगे हैं। निशा अनंत ऐसे ही कार्य करती रहीं तो, कम समय में ही जिले की रैंक में सुधार हो जायेगा।
जिले में लंबे समय से सीडीओ की कुर्सी पर सक्रिय अफसर नहीं आया। जो आये, उनके जल्दी तबादले होते रहे, कुछेक रुकना नहीं चाहते थे और कुछेक की कार्यप्रणाली संदिग्ध थी, ऐसे ही एक अफसर जाति विशेष की विचारधारा को फैला रहे थे, जिनका तबादला सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता ने करा दिया था। सीडीओ की कमी के चलते जिले में विकास की गति का पहिया थम सा गया था। हालाँकि जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह तेजतर्रार हैं और कड़ाई भी बरतते हैं पर, विकास योजनाओं की सीधी निगरानी सीडीओ द्वारा की जाती है। सीडीओ के निष्क्रिय होने के कारण जिला निरंतर पिछड़ रहा था, ऐसे माहौल में आईएएस निशा अनंत का आना जिले को वरदान साबित हो सकता है।
निशा अनंत ने आते ही बैंकों पर कड़ाई बरती और लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दे दी। बैंक प्रबंधकों के जागृत होते ही बदलाव दिखने लगा। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा विकास भवन परिसर में जनपद स्तरीय आरएफ, सीआईएफ, वीआरएफ, जीविकोपार्जन निधि एवं बैंक क्रेडिट लिंकेज ऋण वितरण हेतु मेगा कैम्प का आयोजन किया गया। मेगा कैम्प में जनपद के विभिन्न विकास खण्डों से 163 स्वयं सहायता समूह को रिवाॅल्विंग फण्ड, 76 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि, 109 समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज, 8 ग्राम संगठन को जोखिम निवारण निधि, 9 ग्राम संगठनों को आजीविका निधि वितरण के रूप में स्वयं सहायता समूहों के पदाधिकारियों को कुल धनराशि 2 करोड़ 47 लाख 5 हजार रुपए वितरित किये गये।
मेगा कैम्प का शुभारम्भ निशा अनंत द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कहा गया कि भारत सरकार की इस महत्वांकांक्षी योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत ग्रामों में गरीब परिवारों की महिलाओं को जोड़ कर स्वयं सहायता समूहों का गठन व इन समूहों को जोड़ कर ग्राम संगठन का गठन किया जा रहा है, इससे महिलायें सशक्तिकरण एवं आत्मविश्वास की ओर बढ़ेंगी। राज्य सरकार की उत्कृष्ट भूमिका के बारे में विस्तृत तरीके से बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों द्वारा ग्रामीण लोगों के गरीब परिवार अपने आजीविका संवर्धन के प्रयासों से आगे बढ़ रहे हैं। मेगा कैम्प में परियोजना निदेशक अनिल कुमार, जिला मिशन प्रबन्धक तकसीर अहमद, अग्रणी जिला प्रबन्धक श्याम पासवान, क्षेत्रीय प्रबन्धक सर्व यूपी ग्रामीण बैंक अजय कुमार जयसवान, विभिन्न बैंको के शाखा प्रबन्धकों, सहायक विकास अधिकारी (आईएसबी) मौजूद रहे।
इसके अलावा मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत ने जानकारी देते हुए बताया कि ’’प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना’’ 15 फरवरी से लागू कर दी गयी है। योजना के अन्तर्गत असंगठित क्षेत्र (फेरी वाले, रिक्शा वाले, घरेलू श्रमिक, बीड़ी श्रमिक, बोझा ढोने वाले श्रमिक, मोची, ईंट भट्टो पर कार्यरत श्रमिक, भूमि हीन श्रमिकों, हथकरघा श्रमिक, दुकानों में कार्यरत कर्मचारी, आंगनबाड़ी, आशा, राजेगार सेवक, मनरेगा श्रमिक, मध्यान्ह भोजन बनाने वाले श्रमिक, होमगार्ड, सीएचसी प्रभारी आदि) में कार्य करने वाले 18 से 40 वर्ष के सभी श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरान्त पेंशन की सुविधा प्रदान किये जाने का प्राविधान किया गया है।
योजना के अन्तर्गत असंगठित क्षेत्र में कार्यरत आयु वर्ग 18 वर्ष से 40 वर्ष तथा रुपया 15000 मासिक आय तक के श्रमिक आधार कार्ड, बैंक पासबुक व आयु के अनुसार प्रथम मासिक अंशदान जनसेवा केन्द्र/डिजीटल सेवा केन्द्र में जमा कर पंजीयन/नामाकंन करा सकते हैं। प्रथम अंशदान नगद जमा करने के उपरान्त अगले माहों में प्रति माह पंजीकृत व्यक्ति के खाते से स्वतः कटौती होगी, जिसका लाभ 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरान्त पंजीकृत व्यक्ति को रुपया 3000 मासिक पेंशन के रूप में प्राप्त होगा तथा आवश्यकता अनुसार नामंकित श्रमिक अपनी जमा धनराशि कभी भी प्राप्त कर सकता है।
योजना के पंजीयन/नामांकन हेतु भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा के समस्त जनसेवा केन्द्र /डिजीटल सेवा केन्द्रों द्वारा निःशुल्क पंजीकरण किया जायेगा। योजना के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराये जाने हेतु श्रम विभाग में हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है, जिसमें किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
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