बदायूं स्थित न्यायालय से उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री व सपा नेता आजम खां को बहुत बड़ी राहत मिल गई है। लखनऊ में आजम खां के लिए भले ही मुशिकलें बढ़ रही हों पर, न्यायालय ने लंबी सुनवाई के बाद देश द्रोह के आरोप से आजम खां को मुक्त कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि आजम खां के कश्मीर संबंधी एक विवादित बयान पर बदायूं निवासी उज्ज्वल गुप्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट- बदायूं के न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर आजम खां के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की थी, जिस पर न्यायालय ने पुलिस को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया था। पुलिस ने मुकदमे में एफआर लगा दी थी, जिसे न्यायालय ने 24 मई 2014 को खारिज कर दिया था और पुलिस को पुनः विवेचना करने का आदेश दिया था।
उक्त प्रकरण में समय-समय पर कई उतार-चढ़ाव आये। पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगते रहे। उज्ज्वल गुप्ता के प्रार्थना पत्र पर न्यायालय द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से विवेचना की प्रगति की रिपोर्ट मांगी गई थी तो, पुलिस ने विवेचना में तेजी दिखाई थी लेकिन, पुनः विवेचना में भी आजम खां पर दोष सिद्ध नहीं हुआ था।
उज्ज्वल गुप्ता ने न्यायालय में जंग जारी रखी। लंबी सुनवाई और बहस के बाद मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट अमरजीत सिंह ने आज परिवाद निरस्त कर दिया। अमरजीत सिंह ईमानदारी के साथ नियमानुसार कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। बता दें कि आजम खां ने कहा था कि सिर्फ कश्मीर में मुसलमान मुख्यमंत्री है लेकिन, कश्मीर का यह नहीं पता कि वो हिंदुस्तान में है, या पाकिस्तान में।
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