बदायूं जिले के तमाम गांव संक्रामक रोगों की चपेट में हैं। लुटेरे डॉक्टर और लुटेरे लैब संचालकों की मौज आ रही है। बीमारी की चपेट में आये परिवार बर्बाद हो रहे हैं लेकिन, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अफसर अपना अलग ही राग अलापते हुए मस्त दिख रहे हैं। लगातार लुट रहे वर्ग का गुस्सा भाजपा और सरकार के प्रति बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों की हालत नर्क से बदतर होती जा रही है पर, बात शहरी क्षेत्र की करें तो, यहाँ भी कोई देखने वाला नजर नहीं आ रहा है। कुंवरगाँव थाना क्षेत्र के गाँव बनेई निवासी रहीश बुखार से पीड़ित था। हालत गंभीर होने पर रहीश को परिजनों ने नबादा स्थित सरकार अस्पताल में दिखाया, जहाँ उसे भर्ती कर लिया गया। रहीश की मौत हो गई, जिसके बाद परिजन इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। युवक की मौत की खबर गाँव पहुंची तो, और भी लोग आ गये और फिर भीड़ ने सरकार अस्पताल में जमकर तोड़-फोड़ कर दी। अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारी भाग गये। सूचना पर पहुंची पुलिस भीड़ को समझाने में जुटी हुई है।
इसी तरह इस्लामनगर थाना क्षेत्र का गाँव नूरपुर पिनौनी बुखार की चपेट में है। हर घर के अधिकांश सदस्य पीड़ित बताये जा रहे हैं। झोलाझाप डॉक्टर और लुटेरे लैब संचालक हर किसी को डेंगू बता रहे हैं, प्लेट्स कम दिखा कर खुलेआम लूट रहे हैं। अलग-अलग लैब की अलग-अलग रिपोर्ट आ रही हैं, जिससे पोल खुल गई। जगदीश ने बताया कि उन्होंने इस्लामनगर स्थित जनता लैब पर टेस्ट कराया तो, एक बार साठ हजार प्लेट्स बताई गईं, जिसके तुरंत बाद दूसरी लैब ने एक लाख प्लेट्स बताईं। बताया जा रहा है कि झोलाझाप डॉक्टर और उनके परिजन भी बुखार की चपेट में हैं, उनका उपचार बरेली और दिल्ली चल रहा है और ग्रामीणों का उपचार झोलाझाप स्वयं करते दिख रहे हैं लेकिन, इस लूट पर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अफसरों की नजर तक नहीं है, जिससे आम जनता का गुस्सा भाजपा और सरकार के प्रति बढ़ता जा रहा है।
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