बरेली की जिला पंचायत के इतिहास में शनिवार का दिन काले अक्षरों में दर्ज हो गया। ऐसा कुछ हुआ, जिसकी सभ्य समाज कल्पना भी नहीं कर सकता। गली के गुंडों की तरह जिला पंचायत सदस्य के दबंग किस्म के पति द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष के कार्यालय में तोड़-फोड़ की गई। काफी देर तक जिला पंचायत परिसर में आतंक का राज रहा, जिससे अफरा-तफरी मची रही। लोकतंत्र को कलंकित करने वाले कुकृत्य पर सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगने की जगह कहर बरपाने वाले गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
बताते हैं कि शनिवार को बरेली में जिला पंचायत बोर्ड की बैठक आहुत की गई थी। अधिकांश सदस्य परिसर में पहुंच गये थे। जिला पंचायत अध्यक्ष संजय सिंह अपने कार्यालय में बैठे थे और सदस्यों के साथ गंभीर विषय पर चर्चा में व्यस्त थे। कुछेक सदस्य अन्य कमरों में बैठे थे, तभी भाजपा समर्थित एक महिला जिला पंचायत सदस्य के दबंग पति ने हंगामा करना शुरू कर दिया, उसका उद्देश्य आज की बैठक को निरस्त कराना था। बताते हैं कि संजय सिंह के पिता रामेश्वर दयाल भी परिसर में उपस्थित थे, उन्होंने हंगामा करने वाले बवाली से शांत रहने को कहा, तो वह और भड़क गया और तोड़-फोड़ करने लगा, उसके साथ आये लोग भी फर्नीचर उठा-उठा कर फेंकने लगे।
बवालियों का गुस्सा इतने पर ही शांत नहीं हुआ। बवालियों ने जिला पंचायत अध्यक्ष संजय सिंह के कार्यालय पर भी धावा बोल दिया। संजय सिंह कुछ समझ पाते, तब तक उनकी टेबिल और कमरे में मौजूद कुर्सियों को कबाड़ में बदल दिया। चूँकि संजय सिंह पूरी तरह अनिभिज्ञ थे, सो उन्होंने स्वयं को एक अन्य कमरे में बंद कर लिया, जिससे वे बच गये। बवालियों के कहर के सामने कोई नहीं टिका। बवाली काफी देर तक हंगामा और तोड़-फोड़ करते रहे, जिससे जिला पंचायत परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। यहाँ बता दें कि संजय सिंह बेहद लोकप्रिय हैं और राजनैतिक समीकरण बदल जाने के बावजूद बहुमत से अधिक सदस्य उनके साथ हैं, इसी को लेकर भाजपा समर्थित सदस्य का दबंग पति भड़का हुआ था। अब बवाली को भाजपा से निकाले जाने के बाद ही भाजपा की स्थिति सुधर पायेगी, क्योंकि इस घटना को लेकर भाजपा की जिले भर में बड़े स्तर पर फजीहत हो रही है।
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