अमेरिका में डाकू जॅस्सी जेम्ज़, बिली द किड, इंग्लैंड में रॉबिन हुड, रॅबॅल आउटलॉ और इटली में कार्माइन क्रोको जितना चर्चित है, उतना ही चर्चित भारत में डाकू सुल्ताना है। डाकू सुल्ताना दंत कथाओं और नौटंकी के माध्यम से आज भी भारतीय समाज के बीच जीवित है। सुल्ताना की चर्चा किसी महापुरुष से कम नहीं होती, इसीलिए उसकी कहानी आज भी रोमांचक बनी हुई है। सुल्ताना पर एक फिल्म बन चुकी है, जिसमें पहलवान से अभिनेता बने दारा सिंह ने मुख्य भूमिका निभाई थी। अब एक और फिल्म बन रही है, जिसमें रणदीप हुड्डा मुख्य भूमिका में हैं।
घुमंतू जातियां जगह-जगह पड़ाव डालती रहती हैं, ऐसी ही एक भाट जाति में सुल्ताना का जन्म हुआ था। कुछेक स्थानों पर उल्लेख मिलता है कि उसका जन्म मुरादाबाद जिले के बिलारी क्षेत्र में हुआ था, तो कहीं-कहीं दावा किया जाता है कि उसका जन्म बिजनौर जिले में हुआ था। सुल्ताना दबंग और साहसी था, लेकिन आपराधिक कृत्यों के चलते और पुलिस के भय से वह पूरी तरह अपराध जगत में उतर गया। अल्प समय में ही सुल्ताना के चर्चे न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि मध्य प्रदेश और पंजाब तक होने लगे। बताया जाता है कि वह सिर्फ धनाढ्य वर्ग को ही निशाना बनाता था और डकैती डालने से पहले संबंधित परिवार को सूचना भेज कर सचेत भी कर देता था कि अमुक दिन डकैती पड़ेगी।
सुल्ताना का सशस्त्र गिरोह बेहद अनुशासित था, जिसमें उसने अलग-अलग लोगों को विभिन्न दायित्व दे रखे थे। तीन सौ बदमाशों का संगठित गिरोह होने के कारण पुलिस भी उससे दूर भागती थी। बताते हैं कि सुल्ताना को पकड़ने के लिए तमाम अफसर जुटाये गये, लेकिन सुल्ताना तक कोई नहीं पहुंच सका। सुल्ताना धनाढ्यों से धन लूट कर गरीब तबके में बांटता था, जिससे पुलिस को सुल्ताना के विरुद्ध सूचनायें तक नहीं मिल पाती थीं। जिम कार्बेट जैसे बड़े अफसर को सुल्ताना पर शिकंजा कसने के लिए लगाया गया, पर जब उन्हें भी सफलता नहीं मिली, तो सुल्ताना की दहशत के चर्चे ब्रिटेन तक पहुंच गये।
टिहरी राजघराने के कहने पर अंग्रेज सरकार ने सुल्ताना को पकड़ने के लिए विशेष रूप से फ्रैंडी यंग को बुलाया। बताते हैं कि चुनिंदा तीन सौ सिपाहियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई एवं पचास घुड़सवार सिपाही अलग से जुटाये गये, जिनकी मदद से कड़ी मशक्कत के बाद अंत में यंग ने सुल्ताना को गिरफ्तार कर लिया, जिसे बाद में फांसी की सजा दी गई। बताया जाता है कि अंग्रेज सरकार ने सुल्ताना को पकड़ने को तमाम लोगों को प्रलोभन दिए, पद दिए, धन दिया, हथियार दिए, इसके अलावा 50 से अधिक परिवारों को सुल्ताना की मदद करने के आरोप में कालापानी की सजा के रूप में अंडमान भेज दिया गया था।
कहा जाता है कि सुल्ताना डाकू की फूल कुंवर नाम की एक बेहद सुंदर प्रेमिका भी थी, जिससे वह बहुत मोहब्बत करता था। कहा जाता है कि अंग्रेज सरकार की सक्रियता के बाद फूल कुंवर ने सुल्ताना पर डकैती छोड़ देने का दबाव डाला था कि लाखों रूपये लूटने के बावजूद खुद के पास एक रुपया नहीं रखते, तो इस धंधे को क्यों करते हो, इस पर सुल्ताना ने कहा था कि गरीबों की मदद करने का उसका अपना तरीका है, जिसे वह अब नहीं छोड़ सकता।
बताते हैं कि जंगल में विचरण करते हुए एक संत ने सुल्ताना से कहा था कि जिस दिन वह अबोध बच्चे को गोद में लेगा, उसी दिन वह गिरफ्तार हो जायेगा। बताते हैं कि गिरफ्तार होने से कुछ देर पहले उसने एक बच्चे को गोद में लेकर खिलाया था और उसे रूपये भी दिए थे। सुल्ताना की बहादुरी और साहस को लेकर लोग इस हद तक आश्वस्त थे कि अंग्रेजों ने सुल्ताना के गिरफ्तार करने की खबर सार्वजनिक की, तो लोगों ने उस खबर पर विश्वास ही नहीं किया। कहा जाता है कि फ्रैंडी यंग सुल्ताना से इस हद तक प्रभावित हो गये, उन्होंने प्रेमिका से जन्मे बच्चे को गोद ले लिया और फिर उसका लालन-पालन पर उसे आईएएस अफसर बनाया, लेकिन इसका प्रमाण कहीं नहीं मिलता।
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