उत्तर प्रदेश में हुए विधान सभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशियों के जीतने से सांसद धर्मेन्द्र यादव का कद और लोकप्रियता और बढ़ गई है। धर्मेन्द्र यादव की ब्यूह रचना के चलते गाजीपुर जिले की जंगीपुर विधानसभा सीट और मुरादाबाद जिले की बिलारी विधान सभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी विजयी हुए हैं। जंगीपुर से सपा प्रत्याशी किस्मती देवी ने बीजेपी के रमेश सिंह उर्फ़ पप्पू सिंह को मात दी है, इसी तरह बिलारी सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी फहीम ने बीजेपी के सुरेश सैनी को पटक दिया है।
बदायूं लोकसभा क्षेत्र से युवा सांसद धर्मेन्द्र यादव प्रदेश ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय हैं, वे सपा सुप्रीमो के भतीजे हैं, ऐसे में उनका समाजवादी पार्टी में शक्तिशाली होना स्वाभाविक ही है, लेकिन वे पार्टी का कार्य सपा सुप्रीमो के भतीजे की तरह नहीं, बल्कि एक आम कार्यकर्ता की तरह करते हैं और उन्हें जो भी भूमिका दी जाती है, उस पर खरा उतरते रहे हैं।
धर्मेन्द्र यादव को जिम्मेदारी नेतृत्व दे, या वह स्वयं ही कुछ करने की ठान लें, तो उस कार्य को पूरा करने के बाद ही आराम करते हैं। जंगीपुर और बिलारी विधान सभा क्षेत्र में सपा प्रत्याशियों के पक्ष में सांसद धर्मेन्द्र यादव ने ऐसी ब्यूह रचना की थी कि विपक्षी दलों के प्रत्याशी उसे भेद नहीं पाये। हांलाकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा किये गये विकास कार्य और इन दोनों क्षेत्रों में सपा प्रत्याशियों के पक्ष में सहानुभूति की लहर भी जीत का बड़ा कारण माने जायेंगे।
राजनैतिक समस्या हो, या पारिवारिक, धर्मेन्द्र यादव को बड़े मामलों पर जुटाया जाता है और वे फतेह कर ही लेते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी की हाई-फाई रैलियों का जवाब सपा ने उनसे भी बड़ी रैलियां आयोजित कर दिया, उसके पीछे धर्मेन्द्र यादव का ही प्रयास था। उपचुनाव में सपा का झंडा बुलंद करने वाले धर्मेन्द्र यादव के सामने एक और चुनौती है। 23 मई को बदायूं में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जनसभा है, जिसे राष्ट्रीय स्तर की जनसभा बनाने में धर्मेन्द्र यादव जुटे हुए हैं। हांलाकि उपचुनाव के चलते वे अभी जनसभा की तैयारियां देखने स्वयं नहीं जा पाये हैं, पर वे जनसभा को यादगार बनाने को रात-दिन दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं, साथ ही पैनी नजर रखे हुए हैं।
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