समाजवादी पार्टी के जुझारू योद्धा सांसद धर्मेन्द्र यादव की दहाड़ के सामने आज लोकसभा में सत्ता पक्ष के बीच सन्नाटा छा गया, वहीं कांग्रेसी भी बगलें झाँकने लगे। धर्मेन्द्र यादव ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से उठाया, साथ ही महंगाई और चुनाव के दौरान किये गये वायदों पर सरकार से जवाब माँगा। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा की विचारधारा को समान बताया।
बदायूं लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद धर्मेन्द्र यादव ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब भाजपा सवाल उठाती थी, आज कांग्रेस सवाल उठा रही है और भाजपा वही जवाब दे रही है। यहाँ सिर्फ आंकड़े पेश किये जा रहे हैं। उन्होंने दोनों पार्टियों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आर्थिक स्थिति, किसानों की स्थिति, वर्ल्ड बैंक की स्थिति और मुद्रा स्फीति के बारे में भाजपा और मोदी जी वाकिफ नहीं थे क्या? अगर वाकिफ थे, तो क्यों कहा था कि हमें मौका दो, हम परिवर्तन कर देंगे। अब परिवर्तन नहीं कर पाये, तो वही तर्क दे रहे हैं, जो पहले कांग्रेस के लोग देते थे।
उन्होंने कहा कि किसानों को ताकत दिए बिना महंगाई कम नहीं होगी। दो लाख करोड़ पेट्रोलियम उत्पादों से बचाये और 50 हजार करोड़ की प्रधानमंत्री सिंचाई योजना चला कर ढिंढोरा पीट रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में सिंचाई विभाग का बजट 20 हजार करोड़ है।
उन्होंने कहा कि हमारे आदर्श डॉ. राममनोहर लोहिया दाम बांधने की बात करते थे। उत्पादन की लागत और लागत के बाद बाजार के मूल्य में बड़ा अंतर रहेगा, तो महंगाई नहीं रोकी जा सकेगी। बोले- महंगाई बढ़ी है, लेकिन उसका लाभ किसानों को नहीं मिला। किसानों को डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का वायदा किया था, वह भी नहीं दिया।
सांसद ने कहा कि महंगाई का जिम्मेदार बिचौलियों को बताया जा रहा है और बिचौलियों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर थोपी जा रही है, तो यह भी जवाब दें कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, वहां महंगाई क्यों बढ़ी?
सरकार पर हमलावर सांसद धर्मेन्द्र यादव ने सरकार से यह भी पूछा कि चुनाव के दौरान प्रति व्यक्ति को 15 लाख रूपये देने का वायदा किया था, तो किस खाते में रूपये पहुंचा दिए?
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