बदायूं का ब्लूमिंगडेल स्कूल नाम को सार्थक करता नजर आ रहा है। स्कूल ब्लू धंधों का ही अड्डा बनता नजर आ रहा है, साथ ही ब्लूमिंगडेल स्कूल का मालिक माफिया ज्योति मेंदीरत्ता नेताओं को चंदा देकर अभिवावकों को खुलेआम लूट रहा है, लेकिन राजनैतिक दबाव के चलते प्रशासन पूरी तरह मौन है, जबकि अभिवावक हाहाकार कर रहे हैं। ब्लूमिंगडेल स्कूल के माध्यम से खुलेआम लूट कर रहे माफिया ज्योति का दुस्साहस ही कहा जायेगा कि उसने शासनादेश के विरुद्ध अबोध बच्चों के लिए एक और स्कूल खोल लिया है, जिसका उद्घाटन कराने के लिए पुलिस और प्रशासन के अफसरों के साथ नेताओं की परिक्रमा करता नजर आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि शराब माफिया ज्योति मेंदीरत्ता जमीन माफिया भी है, यह शहर की बेशकीमती जमीनें कब्जा जा चुका है। कई तालाब भी कब्जा चुका है। ब्लूमिंगडेल स्कूल कब्रिस्तान और दरगाह की जमीन कब्जा कर ही बनाया गया है, जिसके बीच में आम रास्ता था, वह भी बंद कर दिया गया है। माफिया ज्योति ने अपनी छवि सही करने के उददेश्य से स्कूल खोला था, लेकिन धीरे-धीरे ज्योति शिक्षा माफिया भी बन गया। अब ज्योति अभिवावकों को खुलेआम लूट रहा है। शातिर दिमाग ज्योति कई नेताओं को अपने धंधों में शामिल रखता है और कईयों को मोटा चंदा देता रहता है, जिनके माध्यम से प्रशासन पर राजनैतिक दबाव बना कर रखता है और कार्रवाई से बचता रहता है।
ब्लूमिंगडेल स्कूल में इस समय एडमिशन चल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि पिछले वर्षों की ही तरह माफिया ज्योति नये एडमिशन के साथ पुराने छात्र-छात्राओं से भी वार्षिक फीस वसूल रहा है, जबकि उत्तीर्ण होकर उच्च कक्षाओं में प्रवेश पाने वाले छात्र-छात्राओं से वार्षिक फीस नहीं वसूली जा सकती। पुराने छात्र-छात्राओं से बिल्डिंग फीस भी वसूल रहा है। स्कूल में एनसीआरटी की जगह अपनी पसंद की किताबें खरीदवाने को अभिवावकों को मजबूर करता है। स्कूल में ही किताबें बेच रहा है, जो प्रति कक्षा प्रति छात्र 3500 रूपये से लेकर 6000 रूपये तक की हैं। माफिया ज्योति उस कॉपी व रजिस्टर को ही प्रयोग करने देता है, जिसके कवर पेज पर ब्लूमिंगडेल स्कूल लिखा हुआ हो। स्कूल का नाम लिखा हुआ रजिस्टर व कॉपी बाजार के भाव से पचास गुने दामों पर बेचता है, इसके अलावा कई चार्ज वगैरह लगा कर प्रत्येक महीने अभिवावकों से मोटी रकम वसूलता है।
खुलेआम लूट करने के बाद भी माफिया ज्योति के स्कूल के छात्र लड़कियों के एमएमएस बनाते हैं। स्कूल की ही लड़कियों को ब्लैकमेल करते हैं, क्योंकि माफिया ज्योति का पूरा ध्यान लूट पर ही रहता है, पढ़ाने पर नहीं। अभिवावकों से मोटी फीस लेने वाले माफिया ज्योति के स्कूल में योग्य शिक्षिकों की कमी है और जो शिक्षक हैं, उन्हें मामूली वेतन देता है, जिससे ब्लूमिंगडेल में वही शिक्षक जॉब कर पाते हैं, जिन्हें अन्य अच्छे स्कूल जॉब देने को तैयार नहीं हैं, इसीलिए ब्लूमिंगडेल स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्रायें अपराध की ओर मुड़ जाते हैं। पिछले दिनों एमएमएस बना कर छात्राओं को ब्लैकमेल करने वाला एक छात्र जेल भी जा चुका है।
प्रशासन की मौन स्वीकृति के चलते माफिया ज्योति का दुस्साहस बढ़ गया, जिससे शासनादेश के विरुद्ध एक और स्कूल खोल रहा है, जिसमें अबोध बच्चों का मानसिक विकास कराने का दावा माफिया ज्योति कर रहा है। इस स्कूल को नाम दिया गया है ब्लूम्स, जिसके माध्यम से भी खुलेआम अभिवावकों को ही लूटेगा, जबकि प्ले ग्रुप के स्कूल खोलना प्रतिबंधित कर दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि शातिर दिमाग ज्योति ने मान्यता के लिए किये आवेदन में प्ले ग्रुप शब्द का प्रयोग नहीं किया है। मान्यता के लिए आवेदन स्कूल के नाम से ही किया गया है, जबकि ब्लूम्स में अबोध बच्चों के एडमिशन ले रहा है। सूत्रों का कहना है कि ब्लूम्स में माफिया ज्योति ने एक सपा नेता को भी साझीदार बनाया है, उसके माध्यम से प्रशासन पर दबाव बना कर रखेगा। सूत्रों का कहना है कि माफिया ज्योति ब्लूम्स का शीघ्र ही उद्घाटन करायेगा, जिसके लिए पुलिस व प्रशासन के अफसरों के साथ कई बड़े नेताओं की परिक्रमा कर रहा है, लेकिन कोई उद्घाटन करने को तैयार नहीं है, क्योंकि माफिया ज्योति से नजदीकी सार्वजनिक होते ही अफसरों और नेताओं की छवि तार-तार हो जाती है।
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