आर्य समाज घर वापसी करा रहा था, उसे रोकने को बनी थी तबलीगी जमात

आर्य समाज घर वापसी करा रहा था, उसे रोकने को बनी थी तबलीगी जमात

देश में कोविद- 19 और कोरोना वायरस से ज्यादा चर्चा तबलीगी जमात और मरकज की होने लगी है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लॉक डाउन है। पिछले सोमवार को तेलंगाना से खबर आई कि कोरोना वायरस के कारण छः लोगों की मौत हो गई है। पड़ताल में पता चला कि मृतक दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे, इस खबर के बाद देश भर में दहशत बढ़ गई, क्योंकि इस कार्यक्रम में 400 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। अब तक 24 से ज्यादा लोग कोविद- 19 के पॉजिटिव पाए गए हैं। आशंका है कि 200 से ज्यादा लोग संक्रमित हो सकते हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों में फैल चुके हैं।

खैर, फिलहाल यह समझने का प्रयास करते हैं कि तबलीगी जमात और मरकज क्या है? तबलीगी का अर्थ है “अल्लाह के संदेशों का प्रचार करने वाला।” जमात का अर्थ है “समूह।” मरकज का अर्थ है “बैठक।” तबलीगी जमात की शुरुआत वर्ष- 1927 में मुहम्मद इलियास अल-कांधलवी ने की थी। हरियाणा के नूंह जिले में हुई पहली बैठक में तय हुआ कि कलिमा, सलात, इल्म, इक्राम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तबलीग को आगे बढ़ाया जायेगा। तबलीगी जमात का संगठन 213 देशों में माना जाता है और इसके 15 करोड़ से भी ज्यादा सदस्य माने जाते हैं। तबलीगी जमात का मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन में है।

माना जाता है कि जिन हिंदुओं ने मुगल काल में इस्लाम कुबूल कर लिया था, वे रीति-रिवाज नहीं छोड़ पा रहे थे, इसीलिए अंग्रेजों के शासन काल में आर्य समाज आसानी से शुद्धिकरण कर घर वापसी करा रहा था, यह सब रोकने के उद्देश्य से तबलीगी जमात की स्थापना की गई, इस जमात का मुख्य कार्य इस्लाम के मानने वालों को इस्लामिक रीति-रिवाज के प्रति कट्टर बनाना है। तीन दिन, पांच दिन, दस दिन, चालीस दिन और चार महीने तक की जमातें निकाली जाती हैं। एक जमात में आठ से दस लोग शामिल होते हैं, इनमें दो लोग सेवा कार्य करते हैं।

जमात के लोग सुबह-शाम शहर में निकलते हैं और लोगों से नजदीकी मस्जिद में पहुंचने का आह्वान करते हैं। सुबह 10 बजे हदीस पढ़ते हैं और नमाज पढ़ने और रोजा रखने पर जोर देते हैं। इस्लामिक पहनावा, दाढ़ी और दिनचर्या आदि सिखाने के साथ अपनाने का आह्वान करते हैं। बता दें कि आर्य समाज का गढ़ हरियाणा बना, उसके विरुद्ध तबलीगी जमात की स्थापना की गई थी।

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