दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वयं को गुरु बताने वाले शातिर पुलकित मिश्रा उर्फ पुलकित महाराज को गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है। शातिर पुलकित नरेंद्र मोदी का गुरु बताने के साथ ही संस्कृति मंत्रालय का निदेशक बताता था और स्वयं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलने का भी दावा करता था। पुलिस-प्रशासन और राज्य सरकारों को झांसे में लेकर वीवीआईपी सुविधा भोग रहा था।
भाजपा सरकार बनने के बाद से शातिर पुलकित अचानक चमकने लगा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वयं को गुरु बताने लगा था, जिससे अन्य मंत्री और विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेता भी उसे अहमियत देने लगे थे। बताया जा रहा है कि अगस्त महीने में शिकायत मिली थी कि उत्तर प्रदेश में स्थित सीतापुर जिले के डीएम से शातिर पुलकित ने कला एवं संस्कृति मंत्रालय का निदेशक बताकर सुरक्षा मांगते हुए सर्किट हाउस बुक कराने को कहा था। 1 अप्रैल, 2018 को पुलकित सीतापुर गया और पुलिस-प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल की तरह ही सुरक्षा मुहैया कराई पर, डीएम को संदेह हो गया तो, उन्होंने कला एवं संस्कृति मंत्रालय को अवगत करा दिया।
मंत्रालय द्वारा प्रकरण दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के हवाले कर दिया गया तो, जांच में पता चला कि सीतापुर के डीएम को भेजा गया मंत्रालय का पत्र फर्जी था, जिसके बाद जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। अपराध शाखा ने और भी साक्ष्य जुटाये, जिसके बाद शातिर पुलकित को साहिबाबाद स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने शातिर पुलकित को कोर्ट में पेश किया और फिर पांच दिन की रिमांड पर ले लिया, ताकि गहन पूछ-ताछ कर और भी गोपनीय सूचनायें निकाली जा सकें।
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री का गुरु बता कर पुलकित तमाम केन्द्रीय मंत्रियों, लोकसभा अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित अन्य पार्टियों के तमाम वरिष्ठ नेताओं के साथ नजदीकी संबंध स्थापित कर चुका है, उनके साथ फोटो खिंचवा कर सोशल साइट्स पर शेयर करता रहता है, जिससे इसका कद समय से पहले बढ़ गया और देश व देश के बाहर तेजी से फैलने लगा, लोग इस पर अंध-विश्वास करने लगे लेकिन, अध्यात्म की दुनिया का मगरमच्छ बनने से पहले एक डीएम की सूझ-बूझ ने शातिर पुलकित की पोल खोल दी। बताया जा रहा है कि शातिर पुलकित तमाम राज्यों में राज्य अतिथि का दर्जा ले चुका है, इसके साथ पारुल नाम की इसकी बहन भी रहती है, जो स्वयं को पुलकित का सचिव बताती है और मंत्रालय के फर्जी लेटरहेड साथ रखती है।
बताया जा रहा है कि शातिर पुलकित दिलशाद गार्डन क्षेत्र में आलिंगन वेलफेयर सोसाइटी और एक आध्यात्मिक सेंटर चलाता था, जहाँ से पुलिस ने कागजात व फर्जी लेटरहेड बरामद किए हैं। हाल-फिलहाल दिल्ली पुलिस ने शातिर पुलकित मिश्रा उर्फ पुलकित महाराज को गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद स्थित जिस घर से गिरफ्तार किया है, वहां भी यह कथक नृत्य की अकादमी संचालित करता है।
बताया जाता है कि शातिर पुलकित किसी तरह बिरजू महाराज के संपर्क में आ गया था लेकिन, अब स्वयं को उनका परिजन बताता है, उनके नाम के सहारे ही शातिर पुलकित नरेंद्र मोदी के करीब तक पहुंच गया था। बताया जाता है कि किसी कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने पुलकित के नाम का उल्लेख कर दिया था, जिसके बाद शातिर पुलकित स्वयं को उनका गुरु प्रचारित करने लगा। लग्जरी गाड़ियों के काफिले में चलने लगा, जिससे पुलिस-प्रशासन दबाव में आ जाते थे। शातिर पुलकित दावा करता करता है कि नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तभी, उसने एक कार्यक्रम में भविष्यवाणी कर दी थी कि आप देश के प्रधानमंत्री जरूर बनोगे, वे भी देखते ही फैन हो गये थे, यह भी दावा है कि आदित्यनाथ योगी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने को प्रधानमंत्री से उसी ने कहा था।
पुलकित जन्म से ही शातिर बताया जाता है। पुलकित का परिवार संभल जिले के कस्बा चंदौसी स्थित मोहल्ला हनुमानगढ़ी में रहता है, इसके पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही थे और दरोगा पद से सेवानिवृत्त हुए एवं मूल निवासी बरेली जिले के थाना अलीगंज क्षेत्र में स्थित गाँव अनिरुद्धपुर के हैं। पुलकित को व्यक्तिगत रूप से जानने वालों का कहना है कि पुलकित शुरू ही शातिर था, यह सकारात्मक सोचता भी नहीं है और न ही कभी सही रास्ते पर चलता है, इस पर सिपाही बाप ने शुरू में ही रोक लगाई होती तो, पुलकित आज दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के शिकंजे में न होता।
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