समाजवादी पार्टी में चल रही वर्चस्व की जंग अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। गुरुवार का दिन निर्णायक साबित हो सकता है। कई तरह की चर्चायें आम हैं, लेकिन माना जा रहा है कि पूर्वानुमान के चलते अखिलेश यादव निर्णय ले चुके हैं, जिसका खुलासा वे गुरुवार को कर सकते हैं।
समाजवादी पार्टी में प्रत्याशियों के चयन को लेकर घमासान चल रहा है। अखिलेश यादव अपने चहेतों को प्रत्याशी बनाना चाहते हैं, वहीं शिवपाल सिंह यादव अपने चहेतों को वरीयता दे रहे हैं, इन दोनों के बीच में सपा मुखिया के अपने वफादार हैं, वे उन्हें नहीं छोड़ना चाहते, साथ ही प्रो. रामगोपाल यादव, आजम खां और सांसद धर्मेन्द्र यादव के भी कुछ चहेते हैं, लेकिन अखिलेश-शिवपाल की हठधर्मिता के चलते बाकी सब किनारा कर गये हैं और उन्होंने अपनी इच्छाओं को दबा लिया है, अथवा कोई अखिलेश के साथ जुड़ा है, तो कोई शिवपाल के साथ।
सपा मुखिया ने बुधवार को सपा प्रत्याशियों की सूची जारी की है, उसके बारे में कहा जा रहा है कि अखिलेश की पसंद को दरकिनार किया गया है। अखिलेश यादव ने देर शाम दो लोगों को निगम के अध्यक्षीय दायित्व से मुक्त कर दिया, जिसे उनकी नाराजगी से जोड़ कर देखा जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव ने अपने चहेतों को गुरुवार को 11 बजे अपने आवास पर बुलाया है, जिसमें चुनावी रणनीति पर विचार किया जायेगा, वहीं सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव को अपनी स्थिति के बारे में पूर्व से ही अहसास था, जिसको लेकर वे तैयारी कर चुके थे, उस बारे में वे गुरूवार को खुलासा कर सकते हैं। माना जा रहा है कि गुरुवार का दिन समाजवादी पार्टी में चल रही बर्चस्व की जंग के लिए अहम साबित हो सकता है।
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