शातिर दिमाग युवक की पुलिस की हिरासत में मौत होने से विभाग में हड़कंप मच गया है। एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से एसओ, हेड मुंशी और पहरे पर तैनात सिपाही को निलंबित कर दिया है। पुलिस मौत का कारण हार्ट अटैक मान रही है, लेकिन स्थिति पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो सकेगी।
रहस्यमय घटना बदायूं जिले के थाना इस्लामनगर की है, यहाँ आज सुबह कस्बा सहसवान के मोहल्ला शहबाजपुर निवासी जैनुल नाम के युवक की हवालात में हालत गंभीर हो गई। पुलिस जैनुल को डॉक्टर के पास ले गई, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। जैनुल की मौत की खबर से विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस जैनुल का शव पोस्टमार्टम के लिए मुख्यालय ले आई है। जैनुल की मौत को पुलिस हार्ट अटैक मान रही है, वहीं परिजन पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं। मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। एसएसपी महेंद्र सिंह यादव ने तत्काल प्रभाव से एसओ चन्द्रपाल सिंह, हेड मुंशी और पहरे पर तैनात सिपाही को निलंबित कर दिया है।
मृतक जैनुल शातिर दिमाग युवक था, क्योंकि थाना इस्लामनगर क्षेत्र में गाँव बेहटा पाठक के पास 11 जुलाई को गाड़ी में जला हुआ एक शव बरामद हुआ था। गाड़ी जैनुल के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जिसके आधार पर पुलिस ने परिजनों से शिनाख्त कराई, तो परिजनों ने जैनुल के मरने की पुष्टि कर दी थी, वह मुकदमा अज्ञात के नाम दर्ज है।
पुलिस को बाद में ज्ञात हुआ कि जैनुल जीवित है, तो पुलिस के होश उड़ गये। पुलिस जैनुल को गिरफ्तार करने में जुट गई। बताया जाता है कि जैनुल अपने बहनोई नफीस के साथ बुलन्दशहर के कस्बा डिबाई में रह रहा था। सूत्रों का कहना है कि पॉलिसी भुनाने और मुकदमों से बचने के लिए जैनुल ने अपनी हत्या का षड्यंत्र रचा था। अब सवाल यह उठता है कि 11 जुलाई को जो लाश बरामद हुई थी, वह किस की थी?