बदायूं जिले में तैनात दबंग ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार संबंधी मुकदमा दर्ज हो चुका है, लेकिन उच्चस्तरीय राजनैतिक संबंधों के चलते उससे महत्वपूर्ण दायित्व तक नहीं छीने गये हैं, जबकि मुकदमा पंजीकृत होते ही उसे निलंबित कर देना चाहिए था। दबंग ग्राम पंचायत अधिकारी को बचाने के चलते उच्चाधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
बदायूं में सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कबूलपुरा निवासी मोहम्मद गौस ब्लॉक समरेर में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पद पर तैनात है, इसकी शासन स्तर पर शिकायत हुई कि यह दबंग है और भ्रष्टाचार के चलते इसने अकूत संपत्ति अर्जित कर ली है।
शासन के निर्देश पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन की बरेली शाखा ने जांच की, तो शिकायत में आरोप सही पाये गये। निरीक्षक व जांचकर्ता सुरेन्द्र सिंह ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कोतवाली दातागंज में मुकदमा पंजीकृत करा दिया। विवेचना भ्रष्टाचार निवारण संगठन की बरेली शाखा द्वारा ही की जा रही है।
उक्त मोहम्मद गौस पर सहकर्मी वीडीओ प्रदीप कुमार का मानसिक उत्पीड़न करने का भी आरोप है, जिससे तंग आकर प्रदीप ने आत्म हत्या कर ली थी, इसने सरकारी कर्मचारी होते हुए पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी कर ली, इस सबके बावजूद विभागीय व प्रशासनिक अफसरों ने इससे महत्वपूर्ण दायित्व तक नहीं छीने हैं, जबकि मुकदमा दर्ज होते ही इसे निलंबित कर देना चाहिए था। बताया जाता है कि मोहम्मद गौस दबंग है और इसके उच्चस्तरीय राजनैतिक संबंध हैं, जिसके बल पर कार्रवाई से बचा हुआ है।
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