पुलिस विभाग में राजनैतिक और माफियाओं का दखल इस कदर बढ़ गया है कि अब उन्हें खुश करने वाले ही काम किये जाते हैं। परेशान जनता की कोई सुनने वाला नहीं है। कुछ तो इतने प्रभावशाली हैं, जो अपने वरिष्ठ अफसरों के आदेश तक को नहीं मानते।
ऐसे ही एक अफसर हैं इन्द्रेश कुमार सिंह। वर्तमान में स्वाट टीम के प्रभारी हैं, इससे पहले एसओजी के प्रभारी रह चुके हैं, साथ ही बदायूं जिले के कई थानों में प्रभारी रह चुके हैं, इनकी नौकरी का अधिकाँश कार्यकाल बदायूं जिले में ही बीता है, सो सभी नेताओं और माफियाओं को व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं और पूरी दबंगई से नौकरी करते हैं। बरेली जिले के लिए तबादला हो चुका है, लेकिन वरिष्ठ अफसर रिलीव नहीं कर सकते, क्योंकि नेताओं ने रिलीव करने का निर्देश ही नहीं दिया है। सूत्रों का कहना है कि बड़े अफसरों से दो महीने का समय बढ़वा लिया है।
कस्बा इस्लामनगर निवासी एक व्यक्ति ने अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) बालेन्दु भूषण सिंह को प्रार्थना पत्र दिया कि नौकरी हेतु अरब भेजने को लेकर दो व्यक्तियों ने उससे अस्सी हजार रूपये लिए और पासपोर्ट भी ले लिया। एक साल से उसे टाल रहे थे और अब धमकाने लगे हैं। मानव तस्करी जैसा गंभीर प्रकरण लगा, इसलिए बालेन्दु भूषण सिंह ने इस प्रकरण में कार्रवाई करने के निर्देश स्वाट टीम के प्रभारी इन्द्रेश कुमार सिंह को ही दिए। आरोपी बड़े नेताओं के चेले हैं, जिनमें एक आरोपी बदायूं, संभल और मुरादाबाद जिले का बड़ा सटोरिया है, सो इन्द्रेश कुमार सिंह पूरा प्रकरण ही दबा गये। बालेन्दु भूषण सिंह द्वारा किये गये आदेश को डेढ़ महीना बीत चुका है और पीड़ित लगातार गुहार लगाता घूम रहा है, पर उसकी सुनने वाला कोई नहीं है।