बदायूं विधान सभा क्षेत्र के विधायक आबिद रजा स्वयं को नैतिकता के मार्ग पर चलने वाला आदर्शवादी व्यक्ति घोषित कर ही चुके हैं, लेकिन उनके अतीत और वर्तमान के कारनामों पर नजर डाली जाये, तो नैतिकता और आदर्शवाद की धज्जियां स्वतः ही उड़ जाती हैं। कथित आदर्शवादी आबिद रजा जनसेवा को लाये गये पालिका के जनरेटर को निजी कार्य में प्रयोग कर रहे हैं।
जी हाँ, शहर के एक जागरूक नागरिक ने पालिका से जन सूचना अधिकार अधिनयम- 2005 के अंतर्गत तीन सवाल किये थे, जिनका जवाब पालिका द्वारा टालने वाला दिया गया, लेकिन इतना उल्लेख फिर भी कर दिया गया कि एक जनरेटर पूर्व पालिकाध्यक्ष व विधायक आबिद रजा के शिविर कार्यालय पर संचालित है। शिविर कार्यालय आबिद रजा के घर में ही है, जिसका मतलब हुआ कि पालिका का जनरेटर कथित आदर्शवादी आबिद रजा घर पर ही प्रयोग कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी से निष्कासन होने पर कथित आदर्शवादी विधायक आबिद रजा स्वयं को शहीद बता रहे थे, साथ ही उनकी पालिकाध्यक्ष पत्नी फात्मा रजा जनहित में हर कुर्बानी देने की बात कर रही थीं, लेकिन कथित आदर्शवादी आबिद रजा और कथित ईमानदार फात्मा रजा को जनता का जनरेटर घर पर चलाते हुए शर्म महसूस नहीं हो रही।
पालिका में हुए अनैतिक कार्यों को दबाये रखने के लिए जनसेवा को लाया गया एक जनरेटर डीएम को भी दे दिया है, ऐसे में कोई शिकायत करेगा भी, तो उसकी शिकायत का क्या हस्र होगा, इसकी कल्पना कर पाना कठिन कार्य नहीं है।
खैर, प्रशासनिक अफसरों से मिल कर तमाम अनैतिक कार्यों को अंजाम देने वाले कथित आदर्शवादी आबिद रजा को व्यवस्था दंडित नहीं कर पायेगी, इसलिए जनता को ही जागरूक होना पड़ेगा और इस झूठे, भ्रष्ट व हिस्ट्रीशीटर अपराधी को वोट की चोट से असली हैसियत बतानी होगी।
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