भ्रष्टाचार सभी सीमायें पार कर गया है और सिस्टम में बैठे लोगों की रग-रग में बस गया है, इसीलिए कहीं कोई सुधार नजर नहीं आ रहा। जनप्रतिनिधि दो वर्ष में ही करोड़पति हो जाते हैं, लेकिन गाँव, नगर और क्षेत्र के नागरिक मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते ही रहते हैं, इससे भी बड़े दुःख की बात यह है कि नागरिकों की शिकायत पर कोई ध्यान तक नहीं देता।
बदायूं जिले की नगर पंचायत अलापुर की बात करें, तो यहाँ अध्यक्ष शकील उददीन, उनके परिजन और चहेते सिर्फ सरकारी धन को लूटते नजर आ रहे हैं, साथ ही सरकारी संपत्ति पर कब्जा भी कर लिया गया है। बताते हैं कि कस्बे में जलभराव की समस्या आम है, लेकिन नालियों की सफाई तक नहीं कराई जाती।
अलापुर की सड़कें भी जर्जर हैं, लेकिन मरम्मत नहीं कराई जा रही, पर धन का आहरण मरम्मत और नवीन सड़कें बनाने के नाम पर लगातार हो रहा है। कस्बे के लोगों का कहना है कि सड़कें नहीं बनी हैं, लेकिन कागजों में सड़कें बनी नजर आ रही हैं।
सोडियम लाईट, बल्व और खंबों को खरीदने में और भी बड़ा घोटाला हुआ है। सस्ता सामान बीस गुने दामों पर खरीदा गया है। फर्जी बिल व वाउचर के द्वारा लाखों रूपये अध्यक्ष, ईओ और बड़े अफसरों ने बाँट लिए हैं। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है, लेकिन सुनने वाला ही नहीं है।
चौंकाने वाली बात यह है कि नगर पंचायत की संपत्ति पर अध्यक्ष, उनके परिजनों और उनके कुछ चहेतों ने कब्जा जमा लिया है। वार्ड- 11 में लगे हैंडपंप में खुलेआम ताला लगा दिया गया है। अपनी आवश्यकता के समय ताला खोल दिया जाता है, जिससे इस मोहल्ले के लोगों को बड़ी समस्या हो रही है। परेशान लोगों ने जिले के अफसरों से शिकायत भी की, लेकिन भ्रष्टचार में बराबर के साझीदार होने के चलते अफसरों ने परेशान लोगों की शिकायत पर स्थलीय जाँच तक नहीं कराई, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है।
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