बदायूं में स्थित अर्बन को-आपरेटिव बैंक दलालों और भ्रष्टाचारियों का अड्डा बनती जा रही है। हालात इतने भयानक हो चले हैं कि बिना दलाल और बिना रिश्वत के यहाँ आम उपभोक्ताओं से कोई बात तक करने को तैयार नहीं होता। मनमानी को लेकर बैंक के चेयरमैन और विधायक आशुतोष मौर्य “राजू” कार्यवाहक महाप्रबन्धक सचिन अग्रवाल को पीट भी चुके हैं, लेकिन गलती होने के कारण बाद में सचिन ने ही माफी मांग ली थी।
बदायूं में अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक की पिछले दशक तक बड़ी अच्छी साख थी। शहर के अधिकांश सभ्रांत लोग उपभोक्ता थे। महिलायें भी अर्बन बैंक को वरीयता के आधार पर पसंद करती थीं। छोटे और मध्यम श्रेणी के व्यापारी अर्बन बैंक की मदद से बहुत आगे तक बढ़ गये, लेकिन अब बैंक से पारदर्शिता और ईमानदारी गायब ही हो गई है।
संजय चौधरी के मुकदमों में फंसने के बाद से तो अर्बन बैंक भगवान भरोसे ही चल रही है। कार्यवाहक महाप्रबन्धकों ने बैंक को अपनी लूट का माध्यम बना लिया है। ऋण संबंधी काम तो सिर्फ दलाल और रिश्वत के बल पर ही हो रहे हैं, जिससे बैंक की साख लगातार गिर रही है।
कार्यवाहक महाप्रबन्धक सचिन अग्रवाल के बाद तो हालात भयावह हो चले हैं। अब सभ्रांत लोग बैंक जाना तक पसंद नहीं करते। मनमानी को लेकर बैंक के चेयरमैन व सपा विधायक आशुतोष मौर्य “राजू” ने सचिन की पिटाई भी लगा दी थी, जिसकी कई दिनों तक व्यापक स्तर पर चर्चा रही, लेकिन गलती होने के कारण सचिन ने माफी मांग ली और प्रकरण थम गया। सचिन को उसी समय पदच्युत कर दिया गया होता, तो आज बैंक बेहतर स्थिति में होती।
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