बदायूं जिले का कस्बा अलापुर भ्रष्टाचार की राजधानी बन कर उभर रहा है, यहाँ स्कूलों में सप्लाई की जाने वाली ड्रेस मात्र 60-70 रूपये में तैयार कर दी जाती है, जिससे बरेली मंडल ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों के माफिया भी यहाँ इन दिनों घूमते देखे जा सकते हैं। सरकारी स्कूलों में बड़े पैमाने पर ड्रेस घोटाला हो रहा है, लेकिन कोई देखने वाला तक नहीं है।
विभागीय नियमानुसार प्रधान, प्रधानाचार्य और एनपीआरसी की देख-रेख में प्रत्येक स्कूल में जाकर टेलर को प्रत्येक बच्चे का नाप लेना चाहिए और मानक के अनुरूप खरीदे गये कपड़े की ड्रेस बनानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। सत्ता पक्ष के नेता के दबाव में माफिया घटिया कपड़े की एक ही साइज की ड्रेस तैयार करा लेते हैं और स्कूलों में जबरन बाँट देते हैं। ऊंची-नीची और घटिया कपड़े की ड्रेस पहने बच्चे बहुत बुरे लगते हैं, इस घोटाले की कोई शिकायत करता है, तो कई स्तरों पर जवाब दिया जाता है कि सरकार कुछ दे रही है, इसे चुप होकर रख लीजिये, मुफ्त के माल में भी शिकायत करेंगे।
बदायूं जिले के अधिकांश स्कूलों में पनबड़िया चौराहे पर स्थित एक गारमेंट की दुकान चलाने वाला माफिया हावी है, इसके अलावा कस्बा अलापुर ड्रेस माफियाओं की राजधानी के रूप में उभर कर सामने आ रहा है, यहाँ से बदायूं के अलावा बरेली, शाहजहाँपुर, एटा, कासगंज और फर्रुखाबाद तक के माफिया ड्रेस तैयार करा कर ले जा रहे हैं। बताते हैं कि चार सौ रूपये कीमत की ड्रेस यहाँ 60-70 रूपये में तैयार करा दी जाती है, शेष रूपये में विभाग, नेता और माफिया मिल कर बाँट लेते हैं। सरकार को शीघ्र ही ड्रेस घोटाले पर अंकुश लगाना होगा, क्योंकि लोग यहाँ तक कहने लगे हैं कि सब कुछ सपा सरकार जैसा ही चल रहा है।
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