बदायूं में वाणिज्य कर विभाग के कार्यालय पर आज भ्रष्टाचार के विरुद्ध कीर्तन किया गया। भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ ने कहा कि जनपद में सूचना का अधिकार, जनहित गारंटी कानून एवं उ.प्र. राजकीय कर्मचारी आचरण नियमावली- 1956 का नियम 24 पूर्णतयः निष्प्रभावी है, जिसके परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार बढ़ रहा है तथा अधिकारियों व कर्मचारियों की चल व अचल सम्पत्ति में गुणोत्तर वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि उक्त कानून को कठोरता के साथ जनपद में लागू कर दिया जाये, तो भ्रष्टाचार में भारी गिरावट आयेगी।
श्री राठोड़ ने कहा कि बदायूं के वाणिज्य कर विभाग में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी पूर्णतयः भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। प्रतिमाह व्यापारियों से धन की वसूली की जाती है। वस्तुओं के क्रय-विक्रय पर बिल प्रदान करने की परम्परा जनपद में है ही नहीं। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के संरक्षण में खुलेआम कर चोरी हो रही है, तथा राज्य को भारी क्षति पहुंचाई जा रही है। वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा छापामार अभियान भी नहीं चलाये जाते हैं, बिना बिल के वस्तुओं का क्रय-विक्रय होने के कारण उपभोक्ता घटिया व मिलावटी वस्तुएं खरीदने को विवश हैं। इस अवसर पर धनपाल सिंह, एच.एल. झा, रक्षपाल सिंह, सिसनेश कुमार सक्सेना, अनिल तोमर, मृत्युंजय सिंह, रमाकान्त मिश्रा, डी.के0. जौहरी, पंकज भारद्वाज, सुशील कुमार सिंह, आर.जी. गोस्वामी, कु. पूजा मिश्रा, कु. आरती मिश्रा, अमन मयंक शर्मा आदि सहयोगी उपस्थित रहे।