मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश को हरा-भरा बनाने में जुटे हुए हैं। हाल ही में रिकॉर्ड स्तर पर प्रदेश में पौधारोपण हुआ, जिसकी प्रशंसा समूचा देश कर रहा है, लेकिन पुलिस व वन विभाग के अफसरों की मिलीभगत से तस्कर प्रतिबंधित पेड़ों को भी काट रहे हैं, ऐसे अपराधियों को मुकदमा दर्ज करा कर तत्काल जेल भेजा जाना चाहिए।
घटना बदायूं जिले में स्थित थाना फैजगंज बेहटा क्षेत्र के गाँव दासपुर की है, जहां हरद्वारी नाम के तस्कर ने नीम व शीशम के प्रतिबंधित पेड़ दिनदहाड़े काट लिए। सूत्रों का कहना है कि हरद्वारी बड़ा लकड़ी तस्कर है, वह पुलिस व वन विभाग के अफसरों से मिल कर लगातार हरे व प्रतिबंधित पेड़ काटता रहता है।
रविवार की दोपहर में गाँव दासपुर में वह मजदूरों से पेड़ कटवा रहा था, तभी ग्रामीणों ने पुलिस व वन विभाग के अफसरों को सूचना दी, लेकिन कोई नहीं आया, तो ग्रामीणों ने पत्रकारों को सूचना दी। मौके पर पहुंचे पत्रकार ने लकड़ी तस्कर से सवाल करने के बाद एसओ से बात की, इसके बावजूद पुलिस कार्रवाई करने नहीं पहुंची। पत्रकार के जाने के बाद लकड़ी तस्कर हरद्वारी ने सिपाही अशोक यादव को बताया कि एक पत्रकार आया था, जिसने एसओ से बात की है, तो सिपाही अशोक यादव ने कह दिया कि उसके द्वारा दिए गये दो हजार रूपये एसओ को दे दिए गये हैं, यह रिकॉर्डिंग गौतम संदेश के पास है।
सूत्रों का कहना है कि लकड़ी तस्कर पेड़ खरीदने के बाद पुलिस व वन विभाग के अफसरों को कुल कीमत में से दस-दस प्रतिशत रूपये देते हैं। रूपये पहुंचने के बाद शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर सकता, इसीलिए लकड़ी तस्करों के हौसले बुलंद हैं। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सरकार को तस्कर के साथ सिपाही व अन्य सभी दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करा कर जेल भिजवाना होगा, ताकि प्रदेश भर में यह संदेश जा सके कि सरकार पेड़ों को लेकर बेहद गंभीर है।
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