बदायूं जिले की समाजवादी पार्टी में सबसे बड़े माफिया के रूप में उभर कर सामने आ चुका अरविंद गुप्ता षड्यंत्रकारी भी निकला। न्यायालय ने उसके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश जारी कर दिया है।
विकास क्षेत्र वजीरगंज के गाँव सुरसेना निवासी अहसान अली ग्राम प्रधान का चुनाव लड़े थे, वे चुनाव हार गये और सुरेश नाम का युवक निर्वाचित घोषित किया गया। अहसान अली का आरोप है कि सुरेश कस्बा वजीरगंज के मोहल्ला गोपालपुर का मूल निवासी है और अरविंद गुप्ता की गाड़ियाँ चलाता है। गाँव का प्रधान पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुआ, तो अरविंद गुप्ता ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने ड्राइवर का वोट मतदाता सूची में बढ़वा लिया, साथ ही पड़ोसी गाँव हथरा की मतदाता सूची में भी सुरेश का नाम दर्ज करा दिया गया।
उक्त प्रकरण को लेकर अहसान अली मुंसिफ मजिस्ट्रेट- बिसौली के न्यायालय में चले गये, जहाँ उन्होंने धारा- 156 (3) के अंतर्गत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई। सुनवाई और बहस के बाद मजिस्ट्रेट ने वजीरगंज थाना पुलिस को मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना करने का आदेश दिया है।
यहाँ यह भी बता दें कि अरविंद गुप्ता की हाल ही में सपा के समर्थन से पत्नी ब्लॉक प्रमुख चुनी गई है, जिसके शपथ ग्रहण समारोह में दर्जा राज्यमंत्री व सदर विधायक आबिद रजा शुक्रवार को अरविंद गुप्ता के साथ दिल्ली से हेलीकॉप्टर द्वारा आये थे, जबकि अरविंद गुप्ता के विरुद्ध 15 मार्च को घोटाले का मुकदमा लिखाया गया है, लेकिन दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा का दाहिना हाथ होने के कारण पुलिस अरविंद को ही सैल्यूट करती नजर आ रही है, इससे आम जनता के बीच समाजवादी पार्टी की बड़ी फजीहत हो रही है।
संबंधित खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें लिंक
चर्चित हुआ अभियुक्त की प्रमुख पत्नी का शपथ ग्रहण समारोह
सपा की ब्लॉक प्रमुख के पति सहित 12 अफसरों पर मुकदमा
फजीहत: माफिया के सामने सपा प्रत्याशी ने डाले हथियार