देश का आम बजट आज लोकसभा में प्रस्तुत किया गया। बजट पर पक्ष-विपक्ष के नेता राजनैतिक हानि-लाभ के अनुसार टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं, लेकिन बजट की तटस्थ भाव से समीक्षा की जाये, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छानुसार वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भारत के हित में बजट तैयार किया है। कुछ भी फ्री में बाँट कर वाह-वाही लूटी जा सकती थी, लेकिन महिलाओं को चूल्हे की गुलामी से मुक्ति दिलाने एवं स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सिर्फ गैस कनेक्शन ही फ्री में दिया जायेगा। बजट तैयार करते समय वोट ध्यान में नहीं रखे गये हैं, इसीलिए लोक-लुभावनी योजनायें नहीं बनाई गई हैं। स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि भारत की जड़ों को मजबूत करने वाला बजट है, जिसका परिणाम आने वाले दिनों में स्पष्ट दिखाई देगा। बजट का परिणाम न सिर्फ भारत के अंदर, बल्कि वैश्विक पटल पर भी दिखाई देगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना के अंतर्गत आयुष्मान भारत की परिकल्पना की गई है, इस योजना के अंतर्गत गरीब और कमजोर परिवारों को हर साल पांच लाख रुपये का बीमा मिलेगा। आर्थिक आधार पर गरीबों का चयन किया जायेगा और फिर उन्हें स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जायेगा। गरीब परिवारों के बीमा के लिए सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। जिला अस्पतालों में सुविधाओं को बढ़ाया जायेगा। 39,199 करोड़ रुपये सरकार जिला और तहसील स्तर पर बने स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत करने पर खर्च करेगी। चिकित्सीय जांचों को नि:शुल्क किया जायेगा। टीबी रोगियों के लिए अलग से 600 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। चिकित्सीय शिक्षा को बढ़ावा देने को 24 नए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना की जायेगी। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत भी 24,280 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
स्वच्छ भारत मिशन को और आगे बढ़ाया जायेगा, इसके अंतर्गत 6 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया जायेगा। 8 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए 14.34 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए कृषि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए 1400 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जायेगा। देश में 42 मेगा फूड पार्क बनाए जायेंगे एवं पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जायेगा। 500 करोड़ रुपये की लागत से ऑपरेशन ग्रीन चलेगा एवं किसानों को कर्ज देने के लिए 11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
खेल और कौशल विकास में प्रशिक्षण हेतु 50 प्रतिशत से ज्यादा की अनुसूचित, जन-जाति आबादी वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना की जायेगी। सामाजिक-आर्थिक जातीय जनगणना के अनुसार वृद्धों, विधवाओं, बेसहारा बच्चों, दिव्यांगजनों और वंचित लोगों के प्रत्येक परिवार तक पहुंचने के लिए एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा तथा संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के लिए 9975 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्येता पहल के अंतर्गत श्रेष्ठ संस्थानों से प्रति वर्ष एक हजार उत्कृष्ट बी-टैक छात्रों की पहचान की जायेगी और उन्हें आईआईटी, आईआईएससी में पीएचडी करने के लिए सुविधाएं प्रदान की जायेंगी। 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को दायरे में लाने के लिए एक फ्लैगशिप राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना शुरू की जायेगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के अंतर्गत कार्यक्रम संचालित करने के लिए 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
आय कर में छूट देकर मध्य वर्ग को प्रभावित करने की आशा व्यक्त की जा रही थी, लेकिन आयकर छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स देना होगा, साथ ही विनिवेश से 80,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। मुद्रा योजना के लिए तीन लाख करोड़ रुपये दिए गये हैं, साथ ही 70 लाख नई नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। नये कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में 12 फीसदी का योगदान सरकार करेगी, वहीं महिलाओं के लिए शुरु के तीन वर्षों के लिए ईपीएफ योगदान घटाकर 8 प्रतिशत रखा गया है। टेक्सटाइल सेक्टर के लिए बजट बढ़ा कर 7148 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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