उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 21 मई को बरेली और बदायूं के दौरे पर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री के दौरे को ऐतिहासिक बनाने के लिए बरेली का प्रशासन रात-दिन मेहनत कर रहा है। बरेली विकास प्राधिकरण 107 फुट ऊंचा फाउंडेशन बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है, वहीं बदायूं का प्रशासन मुख्यमंत्री के दौरे को विवादित करना चाहता है। जिला प्रशासन ने जनसभा का स्थान परिवर्तित कर दिया है। अब मुख्यमंत्री विवादित स्थान पर जनसभा करेंगे। जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी ने आनन-फानन में कार्यक्रम स्थल चयनित कर अधीनस्थों को तैयारी करने के कड़े निर्देश भी दे दिए हैं।
बदायूं में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम इस्लामियां इंटर कॉलेज के परिसर में होना था, जहाँ तैयारी भी की जा रही थीं, लेकिन आज रविवार को जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी ने स्थान परिवर्तित कर दिया और पुलिस व विकास विभाग के साथ अन्य तमाम विभागों के शीर्ष अफसरों को लेकर दातागंज तिराहे के निकट स्थित मैदान पर पहुंच गये, जिसे देखने के बाद जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी ने आनन-फानन में मुख्यमंत्री की जनसभा के लिए यही स्थान आरक्षित कर दिया।
बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री का सभा स्थल और हेलीपैड यहीं बनाने के कड़े निर्देश अफसरों को दे दिए हैं। जिलाधिकारी ने कार्यक्रम स्थल के समतलीकरण का कार्य तत्काल प्रारम्भ करा दिया, साथ ही अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अशोक कुमार श्रीवास्तव, एडीएम (वित्त) राजेन्द्र प्रसाद यादव तथा एसपी (सिटी) अनिल कुमार यादव को निर्देश दिए कि कार्यक्रम स्थल पर सरकारी हल्के वाहनों के पार्किंग की ही व्यवस्था की जाए और भारी वाहनों के लिए पार्किंग स्थल और कहीं चिन्हित कर लिया जाये।
मुख्यमंत्री की जनसभा का स्थान परिवर्तित होने की सूचना बड़ी तेजी फैल गई। नये स्थान को लेकर लोग तरह-तरह की बातें करते हुए स्तब्ध भी नजर आ रहे हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री की जनसभा के लिए दातागंज तिराहे के पास चयनित किया गया स्थान कई एकड़ में फैला विशाल प्राचीन तालाब था, जिसमें आधे शहर का पानी गिरता था, इस तालाब को माफिया खुलेआम कब्जा रहे हैं। डंपर तालाब में रात भर मिटटी डालते रहते हैं और दिन भर जेसीबी मिटटी को समतल करती रहती है, जिससे आधे शहर का पानी जाम हो गया है। मोहल्ला नई सराय के लोगों के घरों में पानी उल्टा घुसने लगा है। परेशान लोग प्रशासनिक अफसरों से शिकायत भी करते रहे हैं, लेकिन दबाव के चलते माफियाओं के विरुद्ध कोई अफसर शिकायत तक सुनने को तैयार नहीं है। अब इसी स्थान को मुख्यमंत्री की जनसभा के लिए आरक्षित कर दिया गया है, तो सवाल तो उठने ही थे।
बताते हैं कि अभी तालाब के सत्तर प्रतिशत हिस्से पर कब्जा हुआ है, शेष हिस्से को कब्जाने के लिए लगातार जेसीबी और डंपर जुटे हुए हैं। बताते हैं कि प्रशासनिक अमले के साथ जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी जिस समय स्थान चयन कर रहे थे, उस समय भी डंपर और जेसीबी तालाब कब्जाने में जुटे हुए थे, लेकिन जिलाधिकारी ने उधर ध्यान तक नहीं दिया, जबकि उच्चतम न्यायालय के साथ शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि निजी तालाब को भी समतल नहीं किया जा सकता, जबकि यह तालाब ग्राम सभा का बताया जाता है।
खैर, स्थान परिवर्तन और तालाब कब्जाने की बात मुख्यमंत्री के संज्ञान तक में नहीं होगी, लेकिन जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी के निर्णय के चलते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विवादों में जरुर पड़ सकते हैं। तालाब कब्जाने और उस स्थान पर मुख्यमंत्री की जनसभा आयोजित करने का मुददा विपक्ष ने उठा दिया, तो प्रशासन के साथ शासन को भी जवाब नहीं दे मिलेगा। मुख्यमंत्री के आने में अभी पूरे बीस दिन शेष हैं, इसलिए जिलाधिकारी को ऐसे स्थान का चयन करना चाहिए कि मुख्यमंत्री पर कोई सवाल न उठा सके।
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