बदायूं जिला समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है। हर छोटा और बड़ा राजनैतिक दायित्व जनता समाजवादी पार्टी की झोली में डालती रही है। निकाय चुनावों की सरगर्मियां शुरू हुईं, तब लग रहा था कि जिले में समाजवादी पार्टी ही हावी रहेगी, लेकिन सपा के प्रत्याशियों द्वारा की गई अनुशासनहीनता के चलते कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता का मन बदलता नजर आ रहा है। नेतृत्व के गलत निर्णयों से व्यथित तमाम कार्यकर्ता और कई बड़े नेता भी अंदर ही अंदर घुटने की जगह पाला बदल कर स्वाभिमान को बचाने के प्रयास में जुट गये हैं।
जी हाँ, मंगल का दिन समाजवादी पार्टी के लिए अमंगल साबित हो सकता है। उझानी नगर पालिका परिषद में मंगलवार को बड़ा राजनैतिक परिवर्तन होने का संकेत मिल रहा है। उझानी का राजनैतिक स्तंभ कहा जाने वाला एक प्रतिष्ठित उद्योगपति घराना नेतृत्व की नीतियों से आहत होकर पाला बदल सकता है, इस गंभीर व्यक्तित्व के नेता के सुझाव बिल्सी विधान सभा क्षेत्र में सपा के नेतृत्व ने नहीं माने। जनाधार विहीन को टिकट थमा दिया गया, इस कड़वे घूँट को पी भी सकते थे, लेकिन अपना टिकट भी संशय के घेरे में पहुंच गया, तो स्थिति स्वयं को ही शर्मसार कर देने वाली हो गई।
सपा के नेतृत्व से आहत उझानी के उद्योगपति घराने का संवाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से होने लगा। भाजपा के स्थानीय नेताओं ने विचार-विमर्श के बाद उद्योगपति घराने को पार्टी में लेने की बात आगे बढ़ा दी। सूत्रों का कहना है कि उद्योगपति घराने को पार्टी में लेने और टिकट देने को लेकर देर शाम बरेली में भी आनन-फानन में बैठक बुलाई गई, जिसमें सहमति बन गई है। स्थानीय और क्षेत्रीय कमेटी के नेताओं के बाद प्रांतीय स्तर के नेताओं से सहमति लेनी शेष है। सूत्रों का कहना है कि प्रांतीय नेताओं का उत्तर मंगलवार को आ जायेगा। सूत्रों का कहना है कि उत्तर सकारात्मक आने की आशा है, जिससे मंगलवार को उद्योगपति घराने को भाजपा में शामिल किया जा सकता है।
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