उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बदायूं जिले की बहनों को रक्षाबंधन से पूर्व ही तोहफा दे दिया है। सरकार की महत्वाकांक्षी कन्या विद्याधन योजना के तहत जनपद की कक्षा 12 उत्तीर्ण करने वाली 80 विद्यालयों की 560 मेधावी छात्राओं को समारोह आयोजित कर 1.68 लाख रूपए के चेक वितरित किये गये। प्रदेश के आबकारी, युवा कल्याण, खेल, वाह्य सहायतित परियोजना एवं समग्र ग्राम विकास विभाग के राज्यमंत्री एवं जनपद प्रभारी मंत्री रामकरन आर्य, प्रदेश के ग्राम्य विकास विभाग के राज्यमंत्री ओमकार सिंह यादव, पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के अध्यक्ष व दर्जा राज्यमंत्री बनवारी सिंह यादव एवं श्रम संविदा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना डॉक्टर यासीन अली उस्मानी और विधायक आशीष यादव ने चेक वितरित किये।
एनएमएसएन दास डिग्री कॉलेज में मंगलवार को आयोजित किये गये चेक वितरण समारोह के मुख्य अतिथि, जनपद प्रभारी मंत्री रामकरन आर्य ने कहा कि ऐसे तमाम परिवार हैं, जो गरीबी के कारण अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा नहीं दिला पाते थे, लेकिन चिन्ता करने की जरूरत नहीं है, प्रदेश सरकार द्वारा कन्या विद्याधन योजना के तहत मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु तीस तीस हजार रूपए दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल कन्या विद्याधन योजना ही नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों को आगे बढ़ाने हेतु लैपटॉप वितरण, पढ़ें बेटियां बढ़ें बेटियां, हमारी बेटी उसका कल, महिला सुरक्षा हेल्पलाइन के अलावा किसानों, मजदूरों और युवाओं के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर लाभान्वित किया जा रहा है।
प्रदेश के ग्राम्य विकास विभाग के राज्यमंत्री ओमकार सिंह यादव ने छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि केवल उच्च शिक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए भी प्रदेश सरकार द्वारा योजना संचालित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जितनी भी योजनाएं, कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, वह किसी एक जाति विशेष के लिए न होकर सभी वर्गों के हितार्थ चलाए जा रहे हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बनवारी सिंह यादव ने कहा कि बेटियां पढ़ लिखकर तरक्की करेंगी तो देश और प्रदेश स्वतः ही विकास की ओर अग्रसर होगा। बेटियों को पढ़ाने की चिन्ता प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव स्वयं कर रहे हैं और उच्च शिक्षा ग्रहण कराने हेतु ही कन्या विद्याधन योजना शुरू की गई है। उन्होंने सांसद धर्मेन्द्र यादव द्वारा कराए गए विकास कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि बरेली बदायूं फोरलेन, ओवर ब्रिज, मेडीकल कॉलेज से जिला अब पिछड़े जनपद में शुमार नहीं किया जाता है।
प्रदेश के श्रम संविदा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना डॉक्टर यासीन अली उस्मानी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मां की गोद बच्चों का पहला स्कूल होता है, इसलिए हमारी बहन बेटियों के पढ़ने से कई पीढ़ियों तक शिक्षा जारी रहेगी और समाज में एक बड़ा बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित कन्या विद्याधन योजना की चारों ओर सराहना हो रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चन्द्रा और शेखूपुर के विधायक आशीष यादव ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बेटियां पढ़ लिखकर आगे बढ़ेंगी तो देश और प्रदेश और तरक्की करेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा हेतु तमाम योजनाएं और हेल्पलाइन संचालित हैं। मरीजों गर्भवती महिलाओं को लाने तथा ले जाने हेतु 102 एवं 108 नम्बर की एम्बूलेंस सेवा का लोग पूरा लाभ उठा रहे हैं। सांसद धर्मेन्द्र यादव के प्रतिनिधि अवधेश यादव ने प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के सम्बन्ध अपने विचार व्यक्त किए। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृृतिक कार्यक्रम के माध्यम से अतिथियों का स्वागत कियागया। जनपद प्रभारी मंत्री, प्रदेश के ग्राम्य विकास विभाग के राज्मंत्री ओमकार सिंह यादव तथा जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चन्द्रा ने बच्चों को नकद पुरस्कार भी दिया।
कन्या विद्याधन योजना अन्तर्गत चालू वर्ष में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 513, उ.प्र. संस्कृृति शिक्षा परिषद की 29, उ.प्र. मदरसा परिषद की 29, सीबीएसई बोर्ड की 143 तथा आईसीएसई बोर्ड की 48 कुल 762 कक्षा 12 उत्तीर्ण करने वाली मेधावी पात्र छात्राओं का चयन किया गया है, जिसमें मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में 560 कन्याओं को तीस हजार प्रति छात्रा की दर से कुल 1.68 लाख रूपए के चेक वितरित किए गए, शेष कन्याओं को जिलाधिकारी के निर्देशानुसार चेक वितरित किए जाएंगे। इस अवसर पर एसएसपी सुनील सक्सेना, सीडीओ प्रताप सिंह भदौरिया, नगर मजिस्ट्रेट अजय कुमार श्रीवास्तव, एसपी सिटी अनिल कुमार यादव, बरेली से आए उच्च शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार सहित अन्य अधिकारी एवं सुरेश पाल सिंह चौहान, दातागंज के पूर्व विधायक प्रेम पाल सिंह यादव, बलवीर सिंह यादव तथा अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।