बदायूं में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी के नेता संगठित नजर आ रहे थे, जिसका परिणाम भी सुखद रहा। सपा प्रत्याशी मधू चंद्रा निर्विरोध अध्यक्ष बन गईं, लेकिन क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में एकता तार-तार हो गई है, जिसका दुष्परिणाम यह है कि चुनाव से पूर्व ही सपा प्रत्याशियों ने हथियार डालने शुरू कर दिए हैं। विकास क्षेत्र वजीरगंज में सपा प्रत्याशी अपने प्रतिद्वंदी माफिया के सामने नहीं टिक पा रहा है, इसी तरह सहसवान क्षेत्र में सपा प्रत्याशी भितरघात का शिकार नजर आ रहा है, वहीं टिकट न मिलने के कारण सपा के प्रांतीय सचिव ने अपने पुत्र को चुनाव से अलग कर लिया है, जिससे समाजवादी पार्टी की बड़ी फजीहत हो रही है।
बदायूं विधान सभा क्षेत्र के विकास खंड वजीरगंज से एक माफिया क्षेत्र पंचायत प्रमुख का चुनाव लड़ रहा है। गैंग्स्टर भी है और खाद माफिया के बाद ठेकेदारी करने लगा है, इसके बनाये भवन छः महीने में ही धराशाई होने लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकाँश भवन उद्घाटन से पहले ही जर्जर हो चुके हैं। दो नंबर के धंधों से अकूत दौलत पैदा कर चुका यह माफिया क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में अंधाधुंध रुपया बहा रहा है, साथ ही सपा के कई बड़े नेता भी इसकी मदद करते नजर आ रहे हैं, इस माफिया के संबंध में कहा जाता है कि हर दल के बड़े नेता से इसके नजदीकी संबंध रहते हैं, जिसकी सरकार होती है, उससे मदद लेने लगता है। सपा में भी इसके चहेते हैं, जिससे तंग आकर सपा प्रत्याशी ने हथियार डाल दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि सपा प्रत्याशी ने मौखिक रूप से जिला स्तरीय नेताओं से कह दिया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेगा, इसके बावजूद पार्टी के किसी नेता को कोई चिंता नहीं है।
इसी तरह सहसवान क्षेत्र में सपा प्रत्याशी भितरघात का शिकार होता दिख रहा है, यहाँ भी एक दबंग कांग्रेसी का भाई मैदान में है, जो अधिकतर सदस्यों को गायब कर चुका है। इस्लामनगर में भी सपा प्रत्याशी का कुछ सपा नेता विरोध करते नजर आ रहे हैं। एकजुटता तो किसी भी ब्लॉक में नजर नहीं आ रही है। कहीं पदाधिकारी विरोध कर रहे हैं, तो कहीं पार्टी विधायक।
बिसौली क्षेत्र में तो और भी हास्यास्पद स्थिति नजर आ रही है, यहाँ से पार्टी के प्रांतीय सचिव राजेन्द्र पाठक के पुत्र चुनाव की तैयारी में जुटे हुए थे, वे कई महीनों से रात-दिन मेहनत कर सदस्यों से मिल रहे थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने भी हथियार डाल दिए और चुनाव नहीं लड़ रहे।
खैर, आश्चर्य की बात यह है बदायूं लोकसभा क्षेत्र से धर्मेन्द्र यादव सांसद हैं और उनके रहते जिला व तहसील स्तरीय नेताओं के साथ पार्टी के विधायक भितरघात कर पा रहे हैं। सपा के शीर्ष नेताओं ने भितरघात पर शीघ्र ही रोक नहीं लगाई, तो क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में सपा की करारी हार हो सकती है, जिसका असर आने वाले विधान सभा चुनाव पर भी पड़ेगा।