बदायूं जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का भी बुरा हाल है। सरकार आम जनता को बेहतर सुविधा देने का प्रयास कर रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अफसर और कर्मचारी जमकर न सिर्फ लापरवाही बरत रहे हैं, बल्कि खुलेआम भ्रष्टाचार भी कर रहे हैं। शिकायतें भी होती हैं, लेकिन उच्चाधिकारी मौन धारण किये हुए हैं।
ताजा प्रकरण आसफपुर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, यहाँ अब तक आशा वर्कर की ट्रेनिंग चल रही थी, जिसके बारे में बताया जा रहा है कि ट्रेनिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की गई है। ट्रेनिंग के लिए जो रुपया आया है, उसे फर्जी बिल-बाउचर के सहारे हड़प लिया गया है। नियमानुसार आशा वर्कर को सुबह को नाश्ता, दोपहर और रात में भोजन देना था, लेकिन सुबह को सिर्फ चाय दी जाती थी और दोपहर में बेहद घटिया किस्म का भोजन दिया जाता था, जिसके बाद केंद्र बंद कर दिया जाता था। चौंकाने वाली बात यह है कि आशा वर्कर को शौचालय के नल का पानी पिलाया जाता था, जिसकी पुष्टि स्वयं आशा वर्कर ही कर रही हैं, इसके अलावा केंद्र सुबह को दस बजे के बाद खुलता है और दोपहर में दो बजे बंद कर दिया जाता है, जिससे आम जनता को बेहद परेशानी हो रही है। मनमानी और भ्रष्टाचार को लेकर शिकायतें भी होती रहती हैं, लेकिन उच्चाधिकारी ध्यान ही नहीं दे रहे हैं।
आम जनता की शिकायत पर क्षेत्रीय भाजपा विधायक कुशाग्र सागर ने एसडीएम के साथ सोमवार को केंद्र का औचक निरीक्षण किया, तो वे भी हालात देख कर स्तब्ध रह गये। रेफ्रिजरेटर में वैक्सीन की जगह पानी की बोतलें रखी थीं, फार्मासिस्ट के रेफ्रिजरेटर में अचार और अन्य खाने की वस्तुयें रखी थीं, कुर्सी-मेज और अलमारी पर ऐसे धूल जमी थी, जैसे यहाँ कोई आता ही न हो, यह सब देख कर विधायक और एसडीएम ने नाराजगी व्यक्त की और तत्काल व्यवस्थायें दुरुस्त करने के निर्देश दिए, साथ ही उच्चाधिकारियों से बात कर कार्रवाई कराने की चेतावनी भी दी।
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