बदायूं का पुलिस-प्रशासन बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाले प्रधानाध्यापक को बचाने का प्रयास करता नजर आ रहा है। हालाँकि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उदंड प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया है, लेकिन उसके विरुद्ध अभी तक मुकदमा पंजीकृत नहीं कराया गया है, जिससे तमाम लोगों में रोष नजर आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि विकास खंड रौली में स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक असरार अहमद खां ने 5 मार्च 2017 को वाट्सएप पर हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने संबंधी मैसेज किया था, जिस पर तमाम लोगों ने आपत्ति की। खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्रकरण से अवगत कराया गया, तो उन्होंने असरार अहमद खां से स्पष्टीकरण माँगा, लेकिन हठधर्मिता के चलते आरोपी ने जवाब नहीं दिया, इस पर बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेम चंद यादव द्वारा निलंबन की कार्रवाई कर दी गई, साथ ही जिलाधिकारी व शिक्षा निदेशक को प्रतिलिपि भी भेज दी गई, लेकिन आरोपी के विरुद्ध अभी तक मुकदमा पंजीकृत नहीं कराया गया है, जिससे तमाम लोगों में रोष नजर आ रहा है।
उक्त प्रकरण इसलिए अधिक गंभीर है कि आरोपी न सिर्फ प्रधानाध्यापक है, बल्कि आरोपी को श्रेष्ठ आचरण को लेकर राष्ट्रपति से गत वर्ष पुरस्कार भी मिल चुका है, साथ ही घटना के समय जनपद में आदर्श आचार संहिता भी लगी हुई थी, इस सबके बावजूद जिला प्रशासन प्रकरण को गंभीरता से नहीं ले रहा, इस प्रकरण में कभी भी आंदोलन हो सकता है।
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