बदायूं जनपद में आज सीडीओ प्रताप सिंह भदौरिया द्वारा मारे गये छापे में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ। शत-प्रतिशत गेहूं के बीज की बिक्री न होने पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा घातक रासायनिक तत्वों से युक्त गेहूं का बीज बाजार में बेच दिया और शासकीय धन की भरपाई कर दी। प्रताप सिंह भदौरिया ने हड़काते हुए कहा कि बीजों को जिन रासायनिक तत्वों से शोधित किया जाता है, वह स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकारक होते हैं। उन्होंने प्रकरण को गम्भीरता पूर्वक लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
सोमवार को सीडीओ ने भूमि संरक्षण अधिकारी मैदानी, भूमि परीक्षण प्रयोगशाला तथा केन्द्रीय बीज भण्डार के कार्यालय में छापा मारा। भूमि संरक्षण कार्यालय में अवर अभियन्ता रामेश्वर यादव तथा सहायक राज किशोर गिरी अनुपस्थित पाए गए। सीडीओ ने दोनों कर्मियों का जवाब-तलब कर वेतन कटौती करने के निर्देश दिए। कार्यालय में गन्दगी भरमार थी, साथ ही तमाम सामान अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ था। टूटी कुर्सियां भी प्रयोग में लाई जा रही थीं। सीडीओ ने कार्यालय की व्यवस्थाओं में सुधार लाने के निर्देश दिए। सीडीओ निरीक्षण करते हुए जब इसी परिसर में स्थित केन्द्रीय बीज भण्डार की ओर गए, तो प्रभारी हरिओम सक्सेना नदारद पाए गए और कार्यालय में ताला लगा हुआ था। उपस्थित चतुर्थ श्रेणी कर्मी राकेश कुमार संघ पदाधिकारियों के कार्यालय में बैठा मस्ती कर रहा था। सीडीओ ने जब कार्यालय खोलने के आदेश दिए, तो उसने बताया कि कार्यालय की चाबी प्रभारी के पास है और वह किसी कार्य से बरेली गए हुए हैं, बीज भण्डार की चाबी उसके पास उपलब्ध नहीं है।
सीडीओ ने जब बीज भण्डारण कक्ष खुलवाकर देखा, तो उसमें सरसों, मटर तथा गेहूं का बीज उपलब्ध पाया गया। चतुर्थ श्रेणी कर्मी ने सीडीओ को अवगत कराया कि रवि सीजन में गेहूं का बीज बिक्री से शेष रह गया था, उसका कुछ भाग बाजार में बेचकर शासकीय धन की भारपाई कर दी गई है और अवशेष गेहूं गोदाम में रखा हुआ है, इतना सुनते ही सीडीओ के तेवर बदल गए, उन्होेंने कहा कि घातक रासायनिक तत्वों से शोधित बीज को बाजार में बेच दिया गया जो स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त घातक है, उन्होंने प्रकरण की जांच कराने के निर्देश देते हुए कहा है कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई अवश्य कराई जाएगी।
भूमि परीक्षण प्रयोगशाला में भी तमाम व्यवस्थाएं अस्त व्यस्त पाई गईं। प्रयोगशाला का कार्य राम भरोसे चल रहा है, कोई भी प्रभारी नहीं है। एएएस (आटोमैटिक एजाक्शन स्पेक्ट्रो मीटर) तीन माह से खराब है, मृदा परीक्षण हेतु नमूने बरेली भेजे जा रहे हैं। सीडीओ ने कहा कि एक ओर तो विशेष अभियान के द्वारा मृदा परीक्षण कराया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रयोगशाला की स्थिति नितान्त असंतोष जनक है। उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए कार्रवाई कराने के निर्देश दिए हैं।