इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने कुख्यात इंजीनियर यादव सिंह के प्रकरण में सीबीआई जांच करने का आदेश दिया है। यादव सिंह पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है। तमाम बड़े खुलासों के बावजूद यादव सिंह कड़ी कार्रवाई से बचता रहा है। अब आशा व्यक्त की जा रही है कि यादव सिंह बच नहीं पायेगा।
नोएडा अथॉरिटी में चीफ इंजीनियर के पद पर तैनात यादव सिंह के प्रकरण में विपक्षी दलों के तमाम नेता सीबीआई जांच की मांग करते रहे हैं, लेकिन सरकार ने सीबीआई जांच की संस्तुति नहीं की। उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ द्वारा सीबीआई जाँच का आदेश दिए जाने से सरकार की एक तरह से हार ही कही जा रही है।
कुख्यात यादव सिंह हर सरकार का चहेता रहा है, इसलिए यह भी माना जा रहा है कि सीबीआई जांच के अंतर्गत कई बड़े अधिकारी और नेता भी फंस सकते हैं। बता दें कि नवबंर 2014 में नोएडा अथॉरिटी के चेयरमैन रहे यादव सिंह के प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी, जिसमें अरबों रुपए की सम्पति का खुलासा हुआ था, जिसमें सैकडों करोड़ की टैक्स चोरी की बात सामने आई थी।
शातिर यादव सिंह ने अपनी पत्नी कुसुमलता, दोस्त राजेन्द्र मिनोचा और नम्रता मिनोचा को डायरेक्टर बनाकर 40 से अधिक कम्पनी बनाईं और कोलकाता से फर्जी शेयर बनाकर नोएडा अथॉरिर्टी से सैकड़ों भू-खण्ड खरीद लिए और फिर दूसरी कम्पनियों को भू-खंड फर्जी तरीकों से बेच भी दिये। उक्त प्रकरण में सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी।