– पानी और जहरीले जीव-जंतुओं से घिरा है कैंपस सरकारी स्कूल्स की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। मिड डे मील पकाने-खिलाने और घोटाले करने के रूप में ही कुख्यात हैं। कोई देखने वाला तक नहीं है, जिससे बच्चों की जान तक पर बन आई है। जगह-जगह आए दिन बच्चों की जान से खिलवाड़ होता […]
– पत्रकारिता, सेटिंग, पहुँच और भय के चलते मौन हैं सब के सब सामाजिक कुरीतियों और बुराइयों को उजागर करते हुए आम आदमी को जागरूक करना एक पत्रकार का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए, लेकिन बरेली में एक दम उल्टा हो रहा है। एक पत्रकार ही मांस तस्करों का सरगना है, जो पत्रकारिता की आड़ में […]
राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। गोरखपुर से सांसद योगी आदित्य नाथ रघुराज प्रताप सिंह “राजा भैया” के पक्ष में खुल कर आ गये हैं। उनका मानना है कि प्रतापगढ़ के बलीपुर कांड में राजा भैया को षड्यंत्र के तहत फंसाया जा रहा है। बलरामपुर के देवीपाटन मंदिर में आये […]
यदु शुगर मिल की स्थापना करने वाले बाहुबली और धनबली के रूप में कुख्यात डीपी यादव जनता के सामने भाषण देते हुए स्वयं को मसीहा साबित करने का प्रयास करते हैं, लेकिन यह जान कर आप दंग रह जायेंगे कि कुख्यात डीपी यादव ने मिल की स्थापना धोखे से हथियाई गयी जमीन पर की है। […]
– आपराधिक मुकदमों के बावजूद बेहद लोकप्रिय हैं राजा भैया – विधायक और मंत्री रहने के बाद भी नहीं हैं किसी दल के सदस्य रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया और विवाद एक-दूसरे के पर्याय बनते जा रहे हैं। प्रतापगढ़ जनपद में कोई बड़ी घटना घटित हो जाए, तो विरोधी सीधे राजा भैया को ही […]
विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा में लगे जवानों और उन पर किये जा रहे खर्च का मुद्दा उच्चतम न्यायलय तक पहुँच गया है। विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों को सुरक्षा देनी चाहिए या नहीं, इस पर बहस भी छिड़ गई है। कोई कह रहा है कि सुरक्षा देनी चाहिए, तो किसी का मत […]
सांसद धर्मेन्द्र यादव, नरेश प्रताप और पूनम के ठहाके बने चर्चा का विषय राजनीति सत्ता का माध्यम भर रह गई है, इसीलिए अधिकाँश राजनेताओं में रिश्तों के प्रति मोह, दर्द और शर्म तक नहीं बची है। राजनीति ऐसा विषय है, जिसमें हर रोज नई परिभाषाएं गढ़ी जाती हैं, जिससे राजनीति को जो समझने का प्रयास […]
– कुख्यात नित्यानंद को बनाया महामंडलेश्वर शासन-प्रशासन की तरह ही संत समाज में भी आपराधिक प्रवृति के लोगों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है और अपराध भी ऐसा कि मानवता ही शर्मसार हो जाए। चिन्मयानन्द और नित्यानंद जैसे दुष्कर्मियों को आम आदमी भी सम्मान नहीं देता, जबकि संत समाज इन्हें महिमा मंडित करता नज़र आ […]
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण-उत्तर कोरिया, चीन आदि देशों की नजर में भारत एक सर्वश्रेष्ठ बाजार है और उनकी नजर में यहां रहने वाले लोग सिर्फ एक ग्राहक। विदेशी कंपनियां भारतीयों को सबसे भोला ग्राहक समझती हैं, क्योंकि थोड़ी सी भूमिका बनाने के बाद ही भारतीय आसानी से चंगुल में फंस जाते हैं। भारत में लगातार बढ़ […]
अंग्रेजी के ‘द हिन्दू’ अखबार में प्रकाशित एक खबर ने अफज़ल गुरु के बारे में एक ऐसे पहलू को सामने रखा है, जिसके बारे में अधिकाँश नहीं जानते हैं। ‘द हिन्दू’ के अनुसार, अलविदा! उसने फांसी देने वाले अपने जल्लाद से कहा। उसके कुछ सेकेण्ड बाद जल्लाद ने लीवर खींचा और अफज़ल गुरु फांसी पर […]