– पानी और जहरीले जीव-जंतुओं से घिरा है कैंपस सरकारी स्कूल्स की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। मिड डे मील पकाने-खिलाने और घोटाले करने के रूप में ही कुख्यात हैं। कोई देखने वाला तक नहीं है, जिससे बच्चों की जान तक पर बन आई है। जगह-जगह आए दिन बच्चों की जान से खिलवाड़ होता […]
– पत्रकारिता, सेटिंग, पहुँच और भय के चलते मौन हैं सब के सब सामाजिक कुरीतियों और बुराइयों को उजागर करते हुए आम आदमी को जागरूक करना एक पत्रकार का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए, लेकिन बरेली में एक दम उल्टा हो रहा है। एक पत्रकार ही मांस तस्करों का सरगना है, जो पत्रकारिता की आड़ में […]
उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार में भ्रष्टाचार चरम था, पर समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर उम्मीद की जा रही थी कि भ्रष्टाचार पर लगाम लग जायेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अफसर खुलेआम मनमानी करते नज़र आ रहे हैं। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि विकास का पहिया पूरी तरह जाम है। […]
यदु शुगर मिल की स्थापना करने वाले बाहुबली और धनबली के रूप में कुख्यात डीपी यादव जनता के सामने भाषण देते हुए स्वयं को मसीहा साबित करने का प्रयास करते हैं, लेकिन यह जान कर आप दंग रह जायेंगे कि कुख्यात डीपी यादव ने मिल की स्थापना धोखे से हथियाई गयी जमीन पर की है। […]
– आपराधिक मुकदमों के बावजूद बेहद लोकप्रिय हैं राजा भैया – विधायक और मंत्री रहने के बाद भी नहीं हैं किसी दल के सदस्य रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया और विवाद एक-दूसरे के पर्याय बनते जा रहे हैं। प्रतापगढ़ जनपद में कोई बड़ी घटना घटित हो जाए, तो विरोधी सीधे राजा भैया को ही […]
बदायूं महोत्सव का आयोजन चंदे के नाम पर अवैध रूप से की गई वसूली से ही हो रहा है और उसका भी कोई लेखा-जोखा नहीं है। इससे भी बड़े आश्चर्य की बात यह है कि महोत्सव में खुलेआम बिजली चोरी कर राज्य को राजस्व की भारी हानि पहुंचाई जा रही है और किसी को कोई […]
सांसद धर्मेन्द्र यादव, नरेश प्रताप और पूनम के ठहाके बने चर्चा का विषय राजनीति सत्ता का माध्यम भर रह गई है, इसीलिए अधिकाँश राजनेताओं में रिश्तों के प्रति मोह, दर्द और शर्म तक नहीं बची है। राजनीति ऐसा विषय है, जिसमें हर रोज नई परिभाषाएं गढ़ी जाती हैं, जिससे राजनीति को जो समझने का प्रयास […]
उत्तर प्रदेश की पहचान अपराध प्रदेश के रूप में होने लगी है। प्रदेश की चारों दिशाओं में प्रतिदिन जघन्य वारदातें घटित हो रही हैं। सरकार के दावों और वादों की हवा पूरी तरह निकल गई है। महिलायें, व्यापारी और नौकरी पेशा के साथ आम आदमी दहशत में ही नज़र आ रहा है, लेकिन सरकार पुलिस […]
सृष्टि का विस्तार हुआ, तो पहले स्त्री आई और बाद में पुरुष। सर्वाधिक सम्मान देने का अवसर आया, तो मां के रूप में एक स्त्री को ही सर्वाधिक सम्मान दिया गया। ईश्वर का कोई रूप नहीं होता, पर जब ईश्वर की आराधना की गयी, तो ईश्वर को भी पहले स्त्री ही माना, तभी कहा गया […]
– बिधायक आबिद रज़ा की अनदेखी से बढ़ रहा रोष – मुस्लिमों में नगर निकाय चुनाव का भी दर्द बरकरार बदायूं के मुस्लिम मतदाता समाजवादी पार्टी से बदला लेने को आतुर नज़र आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव का इंतज़ार प्रत्याशियों से अधिक इस बार मुस्लिम मतदाता कर रहे हैं, लेकिन आँखों पर पड़े सत्ता […]