हिन्दुस्तान और पकिस्तान में बराबर सम्मान पाने वाले दिलीप कुमार जैसे सौभाग्यशाली लोग बहुत कम होते हैं। हिंदुस्तान के ट्रेजडी किंग और पाकिस्तान के निशान-ए-इम्तियाज दिलीप कुमार उर्फ युसूफ खान का जन्म आज ही के दिन 11 दिसम्बर 1922 को वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित पेशावर शहर में हुआ था। विभाजन के दौरान उनका परिवार […]
भीष्म साहनी का जन्म 8 अगस्त 1915 को रावलपिण्डी में एक सीधे-सादे मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। 1935 में लाहौर के गवर्नमेंट कालेज से अंग्रेजी विषय में एम.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् उन्होने डॉ इन्द्रनाथ मदान के निर्देशन में ‘Concept of the hero in the novel’ शीर्षक के अन्तर्गत अपना शोधकार्य सम्पन्न किया। […]
पत्नी- तुम मुझसे कितना प्यार करते हो? पति- इतना करता हूँ, कि तुम्हारा जूठा जहर भी पी सकता हूँ, आज़माकर देख लो। ——— संता- डार्लिंग, अभी-अभी मेरा एक दोस्त खाने पर हमारे घर आने वाला है। जीतो- तुम्हारा दिमाग खराब है? पूरा घर अस्त-व्यस्त पड़ा है, किचन में सामान भी नहीं है, मैं बहुत थकी […]
बहुत दिन पहले की बात है। महोबा नामक गाँव में रामगुप्त नामक एक बनिया था। उसके दो पुत्र थे। बाप-बेटे सब मिल कर छोटा-मोटा व्यापार किया करते थे। रामगुप्त एक जमाने में बड़ा धनी था। मगर व्यापार में उसने अपना सर्वस्व खो दिया था। अब उसके यहाँ सिवाय एक बड़ा घर के संपत्ति के […]
चिड़ा और खरगोश का घोंसला एक चिड़ा पेड़ पर घोंसला बनाकर मजे से रहता था। एक दिन वह दाना पानी के चक्कर में अच्छी फसल वाले खेत में पहुंच गया। वहां खाने पीने की मौज से बड़ा ही खुश हुआ। उस खुशी में रात को वह घर आना भी भूल गया और उसके दिन […]
एक किसान था। इस बार वह फसल कम होने की वजह से चिंतित था। घर में राशन ग्यारह महीने चल सके उतना ही था। बाकी एक महीने का राशन का कहां से इंतजाम होगा। यह चिंता उसे बार-बार सता रही थी। किसान की बहू का ध्यान जब इस ओर गया तो उसने पूछा, पिताजी […]
चुट्कुले मोहन (रामू से)- यार तुम्हारी पत्नी की मौत का बड़ा अफसोस है। वैसे हुआ क्या था? रामू (मोहन से)- गोली लगी थी माथे में। मोहन- शुक्र कर ऊपर वाले का कि आंख बच गई। ******* संता (बंता से)- मैं इस बार चुनाव लड़ूंगा और मैंने अपना चुनाव चिन्ह भी सोच लिया है। बंता (संता […]
30 जून सन् 1911 के दिन ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा का चन्द्रमा हिन्दी काव्य जगत् के उस दिवाकर के उदय का साक्षी था, जिसने अपनी फ़क़ीरी और बेबाक़ी से अपनी अनोखी पहचान बनाई। कबीर की पीढ़ी का यह महान कवि नागार्जुन के नाम से जाना गया। मधुबनी ज़िले के सतलखा गाँव की धरती बाबा नागार्जुन […]