कानून सिर्फ आम आदमी को डराने की चीज बन कर रह गया है। अपराधियों के विरुद्ध न्यायालय में पैरवी कर सजा दिलाने की जगह राज्य एक नेता के सभी मुकदमे वापस लेने जा रहा है। गोपनीयता के साथ मुकदमा वापस लेने की औपचारिकतायें लगभग पूरी हो चुकी हैं।
बदायूं शहर क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक एवं दर्जा राज्यमंत्री रह चुके एक धनाढ्य नेता के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के अंतर्गत लगभग पांच मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें न्यायालय से गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुके हैं, पर पुलिस गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने की जगह नेता की चमचागीरी करती नजर आती है, जबकि न्यायालय से गैर जमानती वारंट होते ही पुलिस आम आदमी का मकान तोड़ देती है।
स्तब्ध कर देने वाली बात यह है कि राज्य सरकार उक्त नेता के मुकदमे वापस लेने जा रही है। सूत्रों का कहना है कि प्रशासनिक स्तर पर औपचारिकतायें लगभग पूर्ण कर ली गई हैं। मंगलवार तक शासन स्तर से मुकदमे वापस लेने का आदेश बदायूं पहुंच सकता है। माना जा रहा है कि उक्त प्रकरण उच्च न्यायालय के संज्ञान में पहुंच गया, तो सरकार को जवाब नहीं दे मिलेगा, साथ ही कई प्रशासनिक अफसर फंस भी सकते हैं।