मथुरा में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर इतना बड़ा बवाल हो गया। एसओ और एएसपी स्तर के अफसर की बलि चढ़ गई, लेकिन बदायूं जिले का प्रशासन हृदय विदारक घटना से भी सबक लेने को तैयार नहीं है। भू-माफियाओं को खुला संरक्षण दे रखा है, जिसके चलते भू-माफिया रात भर तालाब को समतल करने में जुटे रहते हैं। मुख्यमंत्री के आने से पहले भू-माफियाओं को रोक दिया गया था, लेकिन आज रात से बड़े स्तर पर मिटटी डाली जा रही है, जिसे जेसीबी तत्काल समतल करने में लगी हुई है। माफियाओं के गुर्गे मौके पर अवैध हथियारों के साथ तैनात हैं, जिससे लोग दहशत में बताये जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बदायूं में दातागंज तिराहे के पास कई एकड़ क्षेत्र में फैला चंदोखर नाम का विशाल प्राचीन तालाब था, इस तालाब को बेखौफ भू-माफियाओं द्वारा कब्जाया जा रहा है। शुरुआत में ही मोहल्ला नई सराय के लोगों ने प्रशासनिक अफसरों से शिकायत भी की, लेकिन दबाव के चलते माफियाओं के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई, इसके बाद परेशान लोगों ने प्रशासन और माफियाओं के विरुद्ध आंदोलन चलाया, तो परेशान नागरिकों के विरुद्ध ही मुकदमा दर्ज करा दिया गया, साथ ही पुलिस से पूरे इलाके में दहशत कायम करा दी गई, जिससे लोग मौन हो गये।
परेशान जनता को उम्मीद थी कि 23 मई को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भू-माफियाओं और दोषी अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दे सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को तालाब प्रकरण के संबंध में कुछ नहीं बताया गया, साथ ही पत्रकार तालाब प्रकरण को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने का मन बनाये बैठे थे, पर जिला प्रशासन ने पत्रकारों को मुख्यमंत्री के आसपास तक नहीं फटकने दिया।
इससे पहले मुख्यमंत्री के आने को लेकर जिला प्रशासन ने 20 मई से भू-माफियाओं से काम बंद करा दिया था, जिससे लोगों को लग रहा था कि अब शेष बचा तालाब बच जायेगा, पर कल रात से भू-माफियाओं ने और बड़े स्तर पर तालाब में मिटटी डालनी शुरू कर दी। अभी-अभी सूचना मिली है कि पचास से अधिक ट्रैक्टर मिटटी ढो रहे हैं। मोहल्ले से एक मिनट में दस से अधिक ट्रैक्टर-ट्राली गुजर रहे हैं। लोगों ने उन्हें रोकने का भी मन बनाया, पर प्रत्येक ट्रैक्टर पर सशस्त्र आदमी बैठा बताया जा रहा है, साथ ही तालाब पर जेसीबी तत्काल मिटटी समतल कर रही है, जिसके चारों ओर सशस्त्र लोग खड़े बताये जा रहे हैं, इसलिए लोग दहशत में हैं और मौन हैं।
माना जा रहा है कि मोहल्ले के लोगों ने माफियाओं का विरोध किया, तो बेखौफ माफिया यहाँ भी लाशें बिछा सकते हैं, लेकिन जिला प्रशासन माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई करने को तैयार नजर नहीं आ रहा और न ही शासन स्तर से तालाब बचाने में रूचि ली जा रही है, जिससे लोगों में रोष भी व्याप्त है।
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