बदायूं जिले में ग्राम पंचायतों के माध्यम से एक बड़े घोटाले को अंजाम दे दिया गया है। घोटाले को अंजाम देने वाला समाजवादी पार्टी का नेता है, जिससे अफसर न सिर्फ घोटाले को दबाने में लगे हैं, बल्कि अफसर भ्रष्ट नेता की मदद भी करते नजर आ रहे हैं।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि समाजवादी व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र धींगड़ा की भगवती इंटर प्राइजेज नाम की फर्म है। सत्ताधारी पार्टी से जुड़ा होने के कारण धींगड़ा ने अपनी ही ओर से ग्राम पंचायतों में कूड़ा ढोने वाली ट्रॉली पहुंचा दी और अफसरों के द्वारा दबाव बनवा कर अपनी फर्म भगवती इंटर प्राइजेज के नाम पांच हजार रूपये का चेक मंगा लिया, जबकि ग्राम पंचायतों की बैठक में ट्रॉली संबंधी प्रस्ताव भी नहीं किये गये हैं।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि हाथ से चलाने वाली साधारण ट्रॉली की मूल कीमत दो से ढाई हजार रूपये के बीच में है, लेकिन सत्ता के दबाव में वीरेन्द्र धींगड़ा ने ग्राम पंचायतों से पांच हजार प्रति ट्रॉली के हिसाब से चेक लिए हैं, इस घोटाले पर कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है। अगर, जिले भर की ग्राम पंचायतों में ट्रॉली भेजी गई हैं, तो लगभग पैंतालीस लाख रूपये का घोटाला हो सकता है।
घोटाले का खुलासा होता भी नहीं। पंचायत और विकास विभाग के शीर्ष अफसरों के साथ अधिकांश खंड विकास अधिकारी बदल गये हैं। कुछेक जागरूक प्रधानों ने दबंगई के बल पर चेक देने से मना कर दिया, इसलिए वीरेन्द्र धींगड़ा ने नये अफसरों से दबाव बनवाने का प्रयास किया। प्रकरण नये अफसरों के संज्ञान में पहुंचा, तो अधिकाँश अफसर दंग रह गये, लेकिन वीरेंद्र धींगड़ा के सत्ता पक्ष का नेता होने के कारण अफसर घोटाले को दबाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं।