बदायूं जिले के पुलिस विभाग में एसएसपी आलोक प्रियदर्शी को बड़ी सर्जरी करना पड़ेगी वरना, राजनैतिक संबंधों और भ्रष्टाचार के बल पर तैनाती पाने वाले अधिकारी-कर्मचारी आये दिन विभाग की फजीहत कराते रहेंगे। आज फिर पुलिस विभाग के माथे पर कलंक लग गया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने आज भ्रष्ट सब-इंस्पेक्टर देवेन्द्र सिंह को दलाल से बीस हजार रूपये की रिश्वत लेते हुये गिरफ्तार कर लिया।
बताते हैं कि जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव समसपुर कुवरी निवासी प्रेमपाल पुत्र लीलाधर पर फर्जी मुकदमा दर्ज है, जिसे समाप्त करने के बदले दहगवां चौकी प्रभारी भ्रष्ट देवेन्द्र सिंह मोटी रिश्वत मांग रहा था। पीड़ित ने बरेली स्थित भ्रष्टाचार निवारण संगठन से संपर्क किया। प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सान्याल के दिशा-निर्देशन में इश्तियाक वारसी ने टीम के साथ भ्रष्टाचारी को रंगेहाथ दबोचने की रणनीति बनाई। पुलिस चौकी के पास ही भ्रष्ट सब-इंस्पेक्टर देवेन्द्र सिंह समस्तीपुर कुबरी निवासी दलाल ज्ञान सिंह के हाथ से बीस हजार की रिश्वत ले रहा था, उसी क्षण टीम ने भ्रष्ट सब-इंस्पेक्टर देवेन्द्र सिंह और दलाल ज्ञान सिंह को दबोच लिया, इन दोनों के विरुद्ध सदर कोतवाली में लाकर वैधानिक कार्रवाई कर दी गई है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की जिले भर में वाह-वाह की जा रही है, वहीं पुलिस विभाग की जमकर फजीहत भी हो रही है।
उल्लेखनीय है कि बदायूं जिले का दुर्भाग्य रहा है कि यहाँ एसएसपी के पद पर प्रमोटेड अफसर अधिक रहे हैं। प्रमोटेड अफसरों के कारण ही जिले में शासन की मंशा के अनुरूप कार्य प्रणाली लागू नहीं हो पाती। पिछले दिनों आईपीएस अफसर संकल्प शर्मा ने जिले की पुलिस व्यवस्था को सही करने का प्रयास किया था पर, उनका स्थानांतरण होते ही पुनः वही सब होने लगा। अब अधिकांश थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी ऐसे हैं, जो कानून का राज स्थापित करने की जगह 90 के दशक की तरह एफआईआर दर्ज न कर रिकॉर्ड अच्छा रखने में विश्वास करते हैं। इस्लामनगर के थाना प्रभारी हादसे तक की एफआईआर दर्ज नहीं करते। युवा पुत्र की मृत्यु होने से त्रस्त नूरपुर पिनौनी के अजय पाल सिंह को थाना प्रभारी ने एक सप्ताह तक टहलाया, इसी तरह हत्या के कई आरोपी फरार चल रहे हैं, पीड़ित गुहार लगा रहे हैं लेकिन, थाना प्रभारी पर कोई असर नहीं है। सदर कोतवाल ने दो दिन पहले अलहम्द मैरिज लॉन से हॉट और सेक्सी नृत्यांगनाओं के साथ 33 लोग गिरफ्तार किये थे लेकिन, अलहम्द मैरिज लॉन को सीज नहीं किया, जबकि अनधिकृत क्रिया-कलाप कराने वाले अलहम्द मैरिज लॉन पर कार्रवाई सबसे पहले होनी चहिये थी, इसी तरह थाना उघैती क्षेत्र के गांव रियोनाई में गणतंत्र दिवस के अवसर पर निकाली जा रही प्रभात फेरी के दौरान आताताईयों ने घेर कर हमला बोला था, जिसके वीडियो भी वायरल हुये हैं लेकिन, थाना प्रभारी ने अपेक्षित कार्रवाई नहीं की, इसी तरह की असंख्य घटनायें हैं, जो राजनैतिक दबाव या, भ्रष्टाचार के कारण जिले भर में घटित हो रही हैं।
पीड़ितों के पास जब कोई रास्ता नहीं बचता तब वह अपराध करता है या, पढ़ा-लिखा है तो, उच्च स्तर पर शिकायत करता है, दोनों ही विकल्प ऐसे हैं, जिससे पुलिस विभाग की साख खराब होती है। आज देवेन्द्र सिंह नाम का एक भ्रष्टाचारी दबोचा गया है, इसी तरह चलता रहा तो, आने वाले दिनों में और भी भ्रष्टाचारी दबोचे जा सकते हैं, इस फजीहत से विभाग को बचाने की आशा एसएसपी अलोक प्रियदर्शी से ही की जा रही है। आलोक प्रियदर्शी के तैनाती का आदेश हुआ और यह खबर सार्वजनिक हुई तो, हजारों लोगों ने इस आशा से हर्ष व्यक्त किया था कि अब जिले की पुलिस व्यवस्था दुरुस्त हो जायेगी, इसके लिये उन्हें बड़ी सर्जरी करना पड़ेगी वरना, राजनैतिक दबाव और भ्रष्टाचार के बल पर तैनाती पाये हुये इंस्पेक्टर एवं सब-इंस्पेक्टर खाकी को दागदार कराते रहेंगे।
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