बदायूं जिले के गन्ना किसान बेहाल हैं। किसान सरकार की नीतियों से नहीं, बल्कि विभागीय मिलीभगत से यदु सुगर मिल द्वारा की जा रही माफियागीरी से त्रस्त हैं। जिले भर में यदु सुगर मिल ने फर्जी सेंटर भी खोल रखे हैं, जहाँ माफिया नकद गन्ना खरीद कर फर्जी पर्चियों पर मिल भेज रहे हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने गत वर्ष की तुलना में मूल्य बढ़ाते हुए गन्ना किसानों को खुश कर दिया था। वर्तमान में 325 रूपये प्रति कुंतल की दर से किसानों से गन्ना खरीदना चाहिए, लेकिन किसानों को लूटने के इरादे से स्थापित की गई यदु सुगर मिल असली गन्ना किसानों को पर्चियां मुहैया नहीं करा रही है, लेकिन जिनके पास जमीन नहीं है, गन्ना की फसल नहीं है, उनके नाम पर निरंतर पर्चियां जारी हो रही हैं। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि कंपनी की ओर से ही सरकारी सेंटर के आस-पास एक और प्राईवेट सेंटर खोल दिया गया है, जहाँ मिल के ही लोग 200 रूपये प्रति कुंतल की दर से नकद रूपये देकर गन्ना खरीद रहे हैं। चूँकि असली किसानों की पर्चियां नहीं आ रही हैं, जिससे वे माफियाओं को किसी भी दर पर बेचने को मजबूर हैं।
शिकायत में कहा गया है कि थाना मूसाझाग क्षेत्र के गाँव हरनाथपुर और तालगांव के बीच में यदु सुगर मिल ने सरकारी सेंटर होने के बावजूद एक और प्राइवेट सेंटर खुलवा दिया है, जहाँ सस्ती दरों पर खुलेआम गन्ना खरीदा जा रहा है। शिकायत में आरोप है कि गन्ना अधिकारी डीके सैनी यदु सुगर मिल के साथ मिले हुए हैं एवं किसान हंगामा न करें, इसलिए मूसाझाग थाना पुलिस को भी लूट में बराबर का साझीदार बना लिया गया है।
बता दें कि तिहाड़ में हत्या के प्रकरण में सजा काट रहे डीपी यादव ने फर्जी पट्टे करा कर बिसौली के पास सैकड़ों एकड़ जमीन हथिया ली थी, जिसके बाद धांधली कर छोटे बेटे कुनाल के नाम बैनामा करा दिए गये थे, इसी जमीन पर यदु सुगर मिल स्थापित की गई है, इसका निदेशक कुनाल ही है। हथियाई गई जमीन पर बनाई गई सुगर मिल से किसानों को खुलेआम लूटा जा रहा है, लेकिन वरिष्ठ अफसर पूरी तरह बेखबर हैं, जबकि गन्ना किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
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