बदायूं जिले के पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही है, इसीलिए आपराधिक वारदातें भी लगातार बढ़ रही हैं। लापरवाही और अनुशासनहीनता से जूझ रही पुलिस में बड़े ऑपरेशन की जरूरत है। हालाँकि एसएसपी संकल्प शर्मा तेजतर्रार और ईमानदार हैं पर, राजनैतिक पहुंच और टेंडर के बल पर थानों में कब्जा जमाए बैठे थाना प्रभारियों को न बदलने के ही दुष्प्रभाव बताये जा रहे हैं।
पहली वारदात उझानी कोतवाली की है, यहाँ 4 सितंबर की सुबह करीब सवा आठ बजे सिपाही ललित कुमार ने साथी सिपाही दीपक कुमार के साथ कोबरा ड्यूटी पर जाने के लिए शस्त्रागार से रायफल और कारतूस लिए थे, जिसके बाद छुट्टी को लेकर उसका एसएसआई रामौतार से विवाद हो गया। सिपाही ललित भड़क गया और फायरिंग करने लगा। एसएसआई रामौतार को दो गोलियां मारने के बाद स्वयं को भी गोली मार ली थी। साथी सिपाहियों ने तत्काल घायल जिला अस्पताल भेजे, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को बरेली रेफर कर दिया गया था।
सिपाही ललित कुमार को डिस्चार्ज होते ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, इस दौरान सिपाही ललित कुमार की ओर से अधिवक्ता आरवाई नकवी “गुड्डू” ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें कोतवाल ओमकार सिंह पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं। आरोप है कि कोतवाल ओमकार सिंह और सब-इंस्पेक्टर रामौतार ने जान से मारने की नीयत से गोली मारी थी, साथ ही डॉक्टर पर दबाव बना कर उसे डिस्चार्ज करा दिया, जबकि उसकी हालत गंभीर है। प्रार्थना पत्र पर सीजेएम ने जेल अधीक्षक को ललित कुमार के उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित का आदेश दिया है।
दूसरी वारदात थाना उसावां की है, यहाँ का एक वीडियो वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में थाने के कार्यालय में अकरम नाम का सिपाही चीख रहा है और एसओ पर आरोप लगा रहा है, स्वयं के मुस्लिम होने के कारण उत्पीड़न करने का आरोप लगा रहा है। वीडियो वायरल होने से पुलिस विभाग की जमकर फजीहत हो रही है। सिपाही अकरम पूर्व मंत्री आबिद रजा का गनर भी रहा है।
तीसरी वारदात सहसवान की है, यहाँ के फायर स्टेशन में एफएसओ पीएल सोलंकी साथियों के साथ बैठा शराब पीता नजर आ रहा है। चारपाईयों पर बैठ कर ऐसे शराब पी जा रही है, जैसे थाना नहीं बल्कि, इनकी निजी चौपाल हो, इस सबका भी वीडियो वायरल होने से पुलिस विभाग की जमकर आलोचना की जा रही है। आम जनता पुलिस के बारे में तरह-तरह की बातें करती नजर आ रही है, इससे पहले थाना वजीरगंज में भी एक सिपाही बवाल कर चुका है।
पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं तभी, जिले भर में आपराधिक वारदातें भी बढ़ने लगी हैं। लूट, हत्या और मारपीट की वारदातों का ग्राफ अचानक बढ़ गया है। बुधवार को भी लूट की वारदात हुई। उझानी कोतवाली क्षेत्र में खाटू श्याम मंदिर के निकट सहसवान स्थित न्यायालय जा रहे लिपिक सुरेन्द्र कुमार को लूट कर बदमाशों ने सड़क किनारे फेंक दिया। उघैती थाना क्षेत्र के गाँव टेहरा में शव बरामद होने से हड़कंप मचा हुआ है। जरीफनगर थाना क्षेत्र के गाँव जरैठा में 21 सितंबर को बच्चों के विवाद में किशोर को बेरहमी से फांसी के फंदे पर लटका दिया था, जिसकी उपचार के दौरान मौत होने से कोहराम मचा हुआ है।
असलियत में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा तेजतर्रार और ईमानदार हैं पर, वे पहले से चली आ रही व्यवस्था को ही दुरुस्त करने का प्रयास कर रहे हैं, वे थानाध्यक्षों को नहीं बदल रहे हैं, जबकि अधिकांश थाना प्रभारी अपात्र हैं, जो राजनैतिक पहुंच और टेंडर के बल पर थाना प्रभारी बन गये थे, ऐसे थाना प्रभारी कभी सुधर नहीं सकते लेकिन, इन्हें अफसरों को संतुष्ट करने की ट्रिक आती है, सो कार्रवाई से बचते रहते हैं। अफसरों के सामने से हटते ही अपनी मनमानी करने लगते हैं, इसीलिए भ्रष्टाचार, लापरवाही और अपराध की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं।
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