बदायूं जिले की उसहैत नगर पंचायत में नियम-कानून के कोई मायने नहीं हैं। उसहैत में रिपोर्टिंग ऑफिसर का दायित्व स्वच्छ्ता कर्मी निभा रहा है, इसीलिए सरकारी धन का बंदरबांट आसानी से होता रहता है। राजनैतिक प्रभाव के चलते प्रशासनिक अफसर शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं करते। उसहैत नगर पंचायत नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते हुए आपदा काल को भी अवसर के रूप में भुना रही है।
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सरकार ने ईमानदारी और पारदर्शी व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से सरकारी विभागों और निकायों में पचास हजार रूपये से अधिक कीमत का कुछ भी सामान खरीदने के लिए जेम पोर्टल का निर्माण कराया था। जेम पोर्टल पर रजिस्टर्ड उत्पादक और विक्रेताओं से ही सामान खरीदा जा सकता है। निकायों द्वारा जेम पोर्टल पर ही टेंडर निकाले जाते हैं। नियमानुसार ईओ और विभागाध्यक्ष द्वारा जेम पोर्टल का संचालन किया जाना चाहिए लेकिन, उसहैत नगर पंचायत में स्वच्छता कर्मी रिपोर्टिंग ऑफिसर बनाया गया है। स्पष्ट है कि स्वच्छता कर्मी को इस संबंध में कुछ भी ज्ञात तक नहीं होगा, उसका नाम और मोबाइल नंबर का दुरूपयोग किया जाता है तभी, हाइपो क्लोराइड और एंटी लार्वा का टेंडर कई गुना कीमत पर निकाल दिया गया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
अगर, प्रकरण की जाँच हो, कार्रवाई को तो, इस प्रकरण में ईओ और रामदास ही फंसेगे पर, सवाल यह है कि चेयरमैन मौन क्यों है? चेयरमैन सैनरा वैश्य ने स्वच्छता कर्मी को रिपोर्टिंग ऑफिसर बनाने पर आपत्ति क्यों नहीं की? जवाब भी स्पष्ट ही है कि उनकी भी सहमति और मिलीभगत होगी। उसहैत को घोटालों की नगर पंचायत कहा जाता है, यहाँ अंत्येष्टि स्थल और गोशाला की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। युवा मंच संगठन उसहैत नगर पंचायत में किये जा रहे घोटालों की शिकायत लंबे समय से करता रहा है। संगठन के संस्थापक ध्रुवदेव गुप्ता ने डीएम और एडीएम (प्रशासन) के साथ अन्य तमाम अफसरों से पुनः शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।
यह भी बता दें कि सैनरा वैश्य निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीती थीं पर, वे अब भाजपा की स्वयं-भू वरिष्ठ नेत्री हैं। स्वयं-भू इसलिए, क्योंकि भाजपा में सम्मलित होने की घोषणा आज तक नहीं हुई है। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष अशोक भारती सैनरा वैश्य के पिता हैं। सैनरा वैश्य के पति गौरव कुमार “गोल्डी” के बहनोई राजीव कुमार गुप्ता क्षेत्रीय कमेटी में मंत्री हैं और विधायक के टिकट के प्रबल दावेदार हैं, इसीलिए प्रशासनिक अफसर दबाव में रहते हैं और शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं करते, इस सबके चलते सैनरा वैश्य की छवि तो पहले से ही खराब हो चुकी है और अब भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक भारती और क्षेत्रीय मंत्री राजीव कुमार गुप्ता की भी छवि खराब हो रही है, इन घोटालों की भनक प्रांतीय पदाधिकारियों तक पहुंची तो, इनका भी राजनैतिक नुकसान होना स्वाभाविक ही है।
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