बदायूं जिले में ठाकुर दोयम दर्जे के नागरिक हो गये हैं। बेकसूर ठाकुरों पर बहशी हो चुकी पुलिस खुलेआम कहर बरपाती नजर आ रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि ठाकुरों के उत्पीड़न की आवाज उठाने वाला भी कोई नहीं है, जिससे पुलिस का दुस्साहस निरंतर बढ़ता जा रहा है।
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ताजा प्रकरण थाना उघैती क्षेत्र का है। गाँव घनसौली में 8-9 सितंबर की रात में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर कालिख पोत दी गई थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में प्रतिमा की सफाई करा दी थी एवं बयान दिया था कि दुश्मनों को फंसाने के लिए किसी शरारती तत्व द्वारा ऐसा किया गया है। हालाँकि तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज कर लिया था।
मंगलवार की रात करीब 12 बजे सब-इंस्पेक्टर अरविंद यादव ने रानू चौहान के घर पर धावा बोल दिया। आरोप है कि अरविंद यादव ने घर में जमकर तांडव किया गया। रानू को कमरे में ही बेरहमी से पीटा जाने लगा, पत्नी बचाने आई तो, उसके साथ भी अभद्रता की गई एवं उसकी गोद में दो वर्ष का बच्चा था, जिसकी अंगुली कट गई। पूरा घर चीखने लगा तो, मोहल्ले के लोग भी जाग गये, जिसके बाद अरविंद यादव ने रानू को सड़क पर गिरा कर बेरहमी से मारा। अरविंद यादव का खौफनाक रूप देख कर लोग सहम गये।
बताते हैं कि रानू की थाने लाकर भी बेरहमी से पिटाई लगाई गई। पुलिस ने परिजनों को अभी तक भी नहीं बताया है कि रानू को क्यों गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के वाट्सएप ग्रुप में जिले भर की कार्रवाई की जानकारी दी जा रही है लेकिन, इस प्रकरण में कुछ नहीं बताया गया है। थाना पुलिस से जानकारी ली गई तो, पुलिस यही कहती रही कि शाम को बताया जायेगा पर, सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने रानू को अंबेडकर की प्रतिमा पर कालिख पोतने के आरोप में ही जेल भेजा है, साथ ही उस पर एससी/एसटी एक्ट भी लगाया गया है।
बताया जा रहा है कि रानू चौहान की विवाहित बहन का लगभग डेढ़ माह पूर्व लंबी बिमारी के बाद निधन हो गया था, जिसके बाद भाई की भी मृत्यु हो गई। भाई की पत्नी बच्चों का भार रानू पर ही आ गया है, जिससे पूरा परिवार टूट गया है, पूरा परिवार दोहरी मौत के गम में डूबा हुआ है, ऐसे में रानू से ऊल-जलूल शरारत की कोई उम्मीद भी नहीं कर सकता पर, वर्क आउट कर वाह-वाही लूटने के चक्कर में न सिर्फ बेकसूर को जेल भेज दिया बल्कि, कानून को हाथ में लेकर पत्नी और दो माह के बच्चे को भी प्रताड़ित कर दिया।
बताया यह भी जा रहा है कि दो दिन पूर्व एक मुस्लिम युवक को भी हिरासत में लिया गया था पर, उसे रूपये लेकर छोड़ दिया गया। यह भी बता दें कि उझानी और कुंवरगाँव थाना क्षेत्र में भी डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया गया था पर, उन घटनाओं में आरोपी ठाकुर नहीं थे, सो कोई कार्रवाई नहीं की। अन्य तमाम घटनाओं में भी आरोपी ठाकुर हों तो, पुलिस त्वरित कार्रवाई करती है और ठाकुर पीड़ित हों तो, जांच चलती रहती है, जिससे यह बात अब आम हो चुकी है कि बदायूं जिले में ठाकुरों की हालत खराब है।
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