बदायूं में गरीबी, बीमारी और ठंड से बच्चे एक साथ नहीं जूझ पाये। दो बच्चों की मौत हो गई एवं दो बच्चे जीवन के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। ह्रदय विदारक घटना का पता चलते ही चेयरमैन पति मुशाहिद अली सक्रिय हो, उन्होंने पीड़ित परिवार की मदद कर तात्कालिक राहत प्रदान कर दी है।
कस्बा इस्लामनगर के मोहल्ला कुरैशियान निवासी यकीन फल बेच कर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करता है। गरीबी के हालातों में यकीन के बच्चे खसरा की चपेट में आ गये। सही उपचार न मिलने के कारण एवं ठंड बढ़ने से बीती रात चार बच्चों की हालत बिगड़ गई। अरशद (6) और काजोल (8) की बीती रात मौत हो गई, तो कोहराम मच गया। अफसाना और नसरीन की हालत भी निरंतर बिगड़ती जा रही थी, जिससे माँ-पिता की सांसें थमी हुई थीं। रोते-विलखते हुए किसी तरह रात गुजर गई। सुबह बच्चों की मौत की खबर कस्बे में फैल गई।
गरीबी, बीमारी और ठंड से जूझ रहे परिवार के बारे में चेयरमैन पति मुशाहिद अली को जानकारी मिली, तो वे पीड़ित परिवार से मिलने को दौड़ पड़े, उन्होंने जीवन के लिए जूझ रहे बच्चों को तत्काल चंदौसी भिजवा दिया, जहाँ उनका उपचार चल रहा है। मुशाहिद अली ने पीड़ित परिवार को दस हजार रूपये, तीन रजाई, तीन गद्दे, दो कंबल, एक कुंतल गेहूं और पचास किग्रा चावल भी दिए हैं। पीड़ित परिवार की और भी कई लोगों ने मदद की है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक पीड़ित परिवार का हाल जानने कोई नहीं पहुंचा है।
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