ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे ठग ने ठगा नहीं, सरगना विक्षिप्त

ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे ठग ने ठगा नहीं, सरगना विक्षिप्त

बदायूं जिले के बिल्सी क्षेत्र में घूमने वाले बाइक सवार ठगों का गे सरगना तो पैदायशी हरामी है ही, उसका आशिक ठग भी कम नहीं है ठग के बारे में परिजनों ने ही बताया कि ऐसी कोई रिश्तेदारी नहीं बची है, जिसको ठग ने ठगा नहीं है परिजनों ने बताया कि सभी को ठगने के कारण ठग किसी भी रिश्तेदार के सामने अब जा भी नहीं सकता

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सरगना के साथी ठग के परिजनों ने बताया कि ननिहाल, बुआ, ससुराल, बहन के साथ ऐसी कोई रिश्तेदारी नहीं बची है, जहाँ से ठग चार-छः हजार रूपये ठग कर नहीं लाया है परिजनों की बात की सत्यता जानने के लिए ठग के ममेरे भाई से बात की तो, उसने बताया कि उनके बिजली के बिल में त्रुटि हो गई थी, इससे चर्चा कर दी तो, इसने कहा कि दो हजार रूपये का खर्चा होगा, वह सही करा देगा ममेरे भाई व्यापारी हैं, उनका मुख्यालय तक आने में समय खराब होता, जिससे उन्होंने इसे दो हजार रूपये दे दिए, उन्होंने बताया कि रूपये ले जाने के बाद आज तक सामने ही नहीं आया है

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ठग के परिजनों ने यह भी बताया कि यह बेहद शातिर है, तीन भाईयों का हिस्सा फर्जी वसीयत करा कर हड़पना चाह रहा है बोले- आपने ठग की पोल खोल दी, जिससे अब यह दबंगई नहीं दिखा पायेगा और अब वे भी कार्रवाई कराने को तैयार हैं परिजनों ने बताया कि ठग आरा मशीन का फर्जी लाइसेंस जारी कराये हुए है, जिसके माध्यम से एवं पत्रकारिता की आड़ में यह गिरोह कीमती लकड़ी की तस्करी करता रहा है चौंकाने वाली बात यह है कि लाइसेंस बहन के नाम पर है, ताकि सामान्यतः अफसर कार्रवाई करने में संकोच करे

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बताते हैं कि गिरोह का सरगना गे है, साथी ठग उसकी हवस बुझाता है, जिससे दोनों के बीच बेहद शानदार ट्यूनिंग है ठग के कहने से सरगना छत से कूद कर विचार किये बिना जान दे सकता है यह भी बताया जाता है कि सरगना का बड़ा बेटा पागल है, उसकी पत्नी से सरगना के अनैतिक संबंध हैं, साथ ही चरित्रहीन सरगना ने छोटे बेटे की पत्नी पर भी बुरी नजर डाली थी तो, उसने जान दे दी हालाँकि सरगना कुकर्मों की सजा निरंतर भुगत रहा है बड़ा बेटा पागल है, छोटे बेटे- बहू ने बोलना बंद कर दिया है एवं खुद की पत्नी मर चुकी है सरगना जीवित रहते हुए नर्क भोग रहा है लेकिन, कुकर्म करने अब भी नहीं छोड़ रहा

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एक प्रतिष्ठित अखबार में रहते हुए जीवन भर अवैध वसूली करता रहा, एक धर्मशाला में रह कर औरों के टुकड़ों पर पलता रहा पर, इस सबसे पेट नहीं भरा तो, एक प्लॉट कब्जाने का प्रयास करने लगा संज्ञान में आते ही अखबार ने मुंह काला कर के आउट कर दिया तो, लखनऊ के एक दलाल की सिफारिश पर एक टीवी चैनल की आईडी ले आया, जिसके दो हजार रूपये वसूल कर बेरोजगार युवाओं को संवाद सूत्र बनाने लगा, यह बात चैनल के संज्ञान में पहुंची तो, चैनल ने भी दौड़ा दिया चैनल की आईडी वापस नहीं कर रहा था, जिस पर चैनल की ओर से मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी गई तो, आईडी कोरियर से वापस भेज दी

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अखबार और चैनल से आउट होने के बाद चुनाव लड़ने का सपना देख रहे एक प्रत्याशी से कुछ रूपये ठगे एवं कुछ रूपये युवाओं से ठगे और फिर एक घटिया सा पोर्टल बनवा लिया साथी ठग भाटों की तरह सरगना की प्रशंसा करता था और फिर दोनों मिल कर कोटेदारों, भट्टा स्वामियों, सरकारी स्कूलों के अध्यापकों और निजी स्कूलों के प्रबंधकों को ठगने का प्रयास करने लगे शुरुआत में ही प्रकरण गौतम संदेश के संज्ञान में आ गये तो, गौतम संदेश ने खुलासा कर दिया खुलासा होने से गिरोह अब किसी गाँव में नहीं जा सकता अब भी किसी को ठगने का प्रयास किया, या कहीं छापा मारा तो, इस गिरोह को अब पिटने से कोई नहीं बचा पायेगा

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अवैध वसूली बंद होने से सरगना सहित पूरा गिरोह बौखला गया है सरगना तो ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक वाली अवस्था में बताया जा रहा है सामाजिक छवि इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि सरगना किसी को भी मुंह दिखाने से बच रहा है पड़ोसी महिला ने बताया कि घर के अंदर पागल बेटे की बहू के साथ रात-दिन अश्लील हरकतें कर खुद का मन बहलाने का प्रयास करता रहता है चरित्र का खुलासा होने से लोग सरगना और इसके साथी से घृणा करने लगे हैं

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यह भी बता दें कि इस गिरोह ने निकाय चुनाव में सरगना के चुनाव लड़ने की अफवाह फैलाई थी सरगना सभाषद तक नहीं बन सकता, इस गिरोह का उद्देश्य किसी प्रत्याशी से रूपये ठगने का था और वह उद्देश्य सफल भी हो गया। बताते हैं कि एक प्रत्याशी ने बतौर भीख सरगना को पांच हजार रूपये दे दिए और सरगना व उसका साथी भीख में मिले रूपये पाकर गायब हो गये थे। जिससे रूपये ठगे थे, उसकी इस गिरोह ने कोई मदद नहीं की थी। हालाँकि मदद करने की इनकी औकात भी नहीं थी, यह तो जिसके साथ बैठ जायें, उसकी जमानत जब्त हो जायेगी।

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