मीडिया की निगरानी करने से गदगद है कर्मचारी, अफवाहें रोकने पर नहीं है ध्यान

मीडिया की निगरानी करने से गदगद है कर्मचारी, अफवाहें रोकने पर नहीं है ध्यान

बदायूं जिले के पुलिस-प्रशासन ने शासनादेशों के क्रम में कोरोना माहमारी को लेकर कई तरह की तैयारियां की लेकिन, ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी लापरवाही बरतते नजर आ रहे हैं। व्यक्तिगत ब्रांडिंग कर अपना रुतबा बढ़ाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं, साथ ही अपनी निजी रंजिश पूरी करते नजर आ रहे हैं, जिससे अपेक्षित परिणाम आते नहीं दिख रहे।

जी हाँ, कोरोना माहमारी को लेकर अफवाहें न फैलें, इसकी रोकथाम के लिए सोशल साइट पर नजर रखने को टीम गठित की गई। लॉक डाउन के बाद लोग घरों में बैठे, सामाजिक गतिविधियाँ शून्य हो गईं तो, अधिकांश लोग मन बहलाने के लिए और खबरों से अपडेट रहने के लिए सोशल साइट्स का ही सहारा लेने लगे। चूंकि सोशल साइट्स पर अपरिपक्व लोग भी बड़ी संख्या में हैं, सो फेक न्यूज बनने और उनके वायरल होने में देर नहीं लगती।

न्यूज और फेक न्यूज में आम आदमी अंतर नहीं कर पाता, सो फेक न्यूज को पढ़ने के बाद त्वरित प्रतिक्रिया भी देने लगता है। फेक न्यूज पर प्रतिक्रिया आने से मामला गंभीर होता चला जाता है। पिछले कुछ दिनों से सोशल साइट्स पर कोरोना को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। तबलीगी जमात चर्चाओं में आई तो, अफवाहों की संख्या और बढ़ गई।

बदायूं जिले में भी तमाम तरह की अफवाहें और अभद्रतायें सोशल साइट्स पर दी जा रही हैं। कई अफवाहों का खुलासा गौतम संदेश ने ही किया है लेकिन, पुलिस-प्रशासन द्वारा बनाई गई टीमें अफवाहों पर रोक लगाने की दिशा में उतनी पहल करती नजर नहीं आ रही हैं, जितनी करना चाहिए। एक फोटो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति ने .लिखा है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में इलैक्ट्रोनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया पर निगरानी हेतु ड्यूटी करते हुए, इस फोटो को फेसबुक पर 22 लोगों को टैग किया गया है, इसका आशय है कि संबंधित कर्मचारी अपने परिचितों में अपना रुतबा बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।

फेसबुक पर फोटो शेयर कर संबंधित कर्मचारी यह दर्शा रहा है कि वह मीडिया तक की निगरानी कर सकता है, उसने अपना मान-सम्मान बढ़ाने पर जितना दिमाग लगाया, उससे कम भी अगर, अफवाहों पर रोकने में लगाया होता तो, निश्चित ही देश और समाज का ज्यादा भला कर रहा होता, क्योंकि कोरोना वायरस को लेकर शुरू हुई अफवाहें और टीका-टिप्पणी अब, धार्मिक रंग लेने लगी हैं, इन पर शीघ्रता से अंकुश ;लगना चाहिए, क्योंकि कोरोना के विरुद्ध जंग में हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है।

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