बदायूं जिले की राजनीति के कभी ध्रुव रहे ऋषिपाल सिंह यादव “दद्दा” का निधन हो गया। हाल ही में 1 मई को उन्होंने अपना जन्मदिन सेलिब्रेट किया था, जिसमें सांसद धर्मेन्द्र यादव भी शामिल हुए थे। जन्मदिन के अगले दिन ही वे अस्वस्थ हो गये थे और फिर आज दिल्ली अस्पताल ले जाते समय उनका निधन हो गया। निधन की सूचना फैलते ही राजनैतिक जगत के साथ क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
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ऋषिपाल सिंह यादव “दद्दा” का पूरा एक युग रहा है, कभी उनके इशारे पर ही पत्ते हिलते थे। राजनैतिक जगत में उनके इशारों के बिना कोई गहरी साँस भी नहीं ले सकता, वे गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र से 1977 में जनता पार्टी से लड़ कर विधायक चुने गये, साथ ही 1990 में वे बदायूं से एमएलसी चुने गये। उनके छोटे भाई श्रीपाल सिंह चन्दौसी स्थित एसएम डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर थे, उन्होंने छोटे भाई को भी राजनीति में स्थापित किया। प्रो. श्रीपाल सिंह संभल लोकसभा क्षेत्र से 1989 और 1991 में दो बार सांसद चुने गये, उनका 65 वर्ष की आयु में 18 नवंबर 2011 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
प्रो. श्रीपाल सिंह के निधन के बाद ऋषिपाल सिंह यादव “दद्दा” ने स्वयं को सीमित दायरे में समेट लिया था, इस बीच संभल जिला बन गया और गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र बदायूं जिले से अलग हो गया तो, वे अपनी शैक्षिक संस्थाओं को अधिक समय देने लगे। उन्होंने हाई स्कूल, इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेज की स्थापना कर गुन्नौर जैसे पिछड़े क्षेत्र में बड़ा योगदान किया है। उनकी राजनैतिक हैसियत का लोहा लोग अभी भी मानते थे, उनका थैला उठाने वाले राजनीति में बड़े-बड़े पदों पर आसीन हैं, उनके बेटे और भतीजों ने भी राजनीति में कदम रख दिया है।
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