बदायूं विधान सभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक रहे पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा ने जोरदार हमला बोला है। आबिद रजा ने पत्नी फात्मा रजा की हार का प्रशासन और एसडीएम पर आरोप लगाया है। आबिद रजा ने विधायक महेश चंद्र गुप्ता को पद की गरिमा बनाये रखने का सुझाव भी दिया है।
उल्लेखनीय है कि सदर क्षेत्र के भाजपा विधायक महेश चंद्र गुप्ता एवं जिलाध्यक्ष हरीश कुमार शाक्य ने रविवार को संयुक्त रूप से पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि विनियमित क्षेत्र के नियत प्राधिकारी के न्यायालय में सुनवाई के दौरान आबिद रजा यह सिद्ध नहीं कर पाये कि उनका मैरिज लॉन वैध है। प्रेस वार्ता में बताया गया था कि नियत प्राधिकारी ने एक माह के अंदर अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया है और न हटाने पर प्रशासन स्वयं हटायेगा, जिसका खर्च आबिद रजा से वसूल किया जायेगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि आबिद रजा का अवैध निर्माण बाढ़ क्षेत्र में है और महायोजना के आड़े आ रहा है। पत्रकारों से अपने आवास पर बात करते हुए विधायक महेश चंद्र गुप्ता ने कहा था कि वे चाहते हैं कि यहाँ कानून का राज कायम हो, कोई किसी का उत्पीड़न न कर पाए, सरकारी जमीनों को न कब्जा पाये और जो कब्जे हो चुके हैं, उन्हें मुक्त कराया जाये।
आबिद रजा ने सोमवार को पत्रकारों को आमंत्रित किया, जिसमें उन्होंने जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि फात्मा रजा चुनाव हारी नहीं, बल्कि प्रशासन ने उन्हें हराया है। उन्होंने कहा कि सत्ता के दबाव में एसडीएम ने प्रत्येक मोहल्ले से मुस्लिमों के ढाई सौ-तीन सौ वोट काट दिए हैं, जिनकी संख्या नौ हजार के करीब है, जबकि वोटर लिस्ट से काटे गये लोगों के पास सभी तरह के पहचान पत्र हैं। उन्होंने कहा कि वे कागजात जमा कर रहे हैं, जिसके बाद वे न्यायालय के समक्ष जायेंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता निष्पक्ष चुनाव की बात कर रहे हैं, जबकि प्रशासन ने ही बूथ नंबर- 72 को कैप्चर करने की बात मानी है, जहाँ री-पोल भी हुआ, उन्होंने आक्रामक अंदाज में कहा कि दहगवां के बाजार में गोकशी कराने वाले, गाय-बैल बेचने वाले और राशन व तेल ब्लैक करने वाले ईमानदारी की बात करते हैं, तो उन्हें हंसी नहीं, बल्कि तरस आता है।
आबिद रजा ने कहा कि भाजपा विधायक को याद रखना चाहिए कि वर्ष- 2012 के चुनाव में विपक्ष में रहते हुए उन्हें 16000 मतों से हराया था, इस चुनाव में उन्हें मोदी जी ने बचा लिया, जीत का श्रेय मोदी जी को जाता है, लेकिन वे स्वयं लेने लगे हैं, इस गलत-फहमी में न रहें। आबिद रजा ने कहा कि वर्ष- 2015 के चुनाव में फात्मा रजा 27000 मतों से हरा चुकी हैं, इससे पहले वर्ष- 2006 के पालिकाध्यक्ष चुनाव में वे 14000 मतों से धराशाई कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि महेश चंद्र गुप्ता दीपमाला गोयल के चेयरमैन बनने से बौखला गये हैं, वे अपनी पत्नी को चेयरमैन बनवाना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने प्रशासनिक अफसरों पर पालिकाध्यक्ष का पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कराने का दबाव बनाया था। दीपमाला उनसे पुरानी नेता हैं, उनके चेयरमैन बनने से महेश चंद्र गुप्ता को अपना कद घटने का डर सताने लगा है।
उन्होंने कहा कि मैरिज लॉन का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए सिटी मजिस्ट्रेट को आदेश पारित करने का अधिकार ही नहीं है। अगर, सिटी मजिस्ट्रेट ने ध्वस्तीकरण का आदेश किया है, तो विधायक को प्रेस कांफ्रेंस करनी पड़ती है, यह शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि लगता है विधायक जी को सिटी मजिस्ट्रेट के प्रवक्ता के पद का भी अतिरिक्त प्रभार मिल गया है। बोले- विधायक का दायित्व बढ़ा होता है, महेश जी उनका खूब विरोध करें, पर पद की गरिमा बनाये रखें।
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