बदायूं जिले में गोलियों की बरसात होती नजर आ रही है। जब, जहां, जिसके मन में आ रहा है, वह गोलियों की बौछार कर देता है। पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं करती और मुकदमा दर्ज कर ले तो, तह तक नहीं जाती, जिससे घटनायें निरंतर बढ़ती जा रही हैं। कानून व्यवस्था को बनाये रखने में पुलिस पूरी तरह नाकाम नजर आ रही है, जिससे हाहाकार मचा हुआ है।
इस्लामनगर थाना क्षेत्र के कस्बा रुदायन में कई दिन पहले बच्चों में झगड़ा हो गया था। झगड़े के दौरान ही नूरजहाँ नाम की महिला ने अमित नाम के युवक को गोली मारने की धमकी दी थी और कहा था कि बच मिले तो, बच जाना लेकिन, अमित और उसके परिजनों ने धमकी को गंभीरता से नहीं लिया। बताते हैं कि बीती रात अमित (22) छत पर सो रहा था तभी, उसे गोली मार दी गई। गोली लगते ही अमित और परिजन जग गये।
यूपी- 100 को सूचना देने के साथ ही घायल अमित को आनन-फानन में इस्लामनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहाँ से प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। अमित को भर्ती कर लिया गया है लेकिन, डॉक्टर भी लापरवाही बरत रहे हैं, जिसकी उसकी हालत बिगड़ सकती है। चेयरमैन अरविंद शर्मा ने जिला अस्पताल पहुंच कर घायल को देखा और परिजनों को सांत्वना दी।
इसी तरह मूसाझाग थाना क्षेत्र के गाँव महोरा में छोटे नाम के युवक को गोली लगी है, इसे भी जिला अस्पताल लाया गया, जहाँ से गंभीर हालत होने के चलते उसे बरेली रेफर कर दिया गया। सवाल पुलिस पर ही उठता है, क्योंकि तमंचे और कारतूस कहां से आते हैं, इसकी तह में पुलिस कभी जाती ही नहीं है। जिले के किसी न किसी थाना क्षेत्र से हर दिन तमंचाधारी जेल जाता है लेकिन, तमंचा खरीदा कहां से खरीदा गया, इसकी जांच पुलिस कभी नहीं करती, इसीलिए घटनायें निरंतर बढ़ती जा रही हैं।
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